Solar Storm Effect On Earth: हमारा सूर्य इन दिनों कुछ ज्यादा ही सक्रिय है. उसकी सतह पर लगातार धमाके हो रहे हैं. इन धमाकों की वजह से सौर तूफान आते हैं जिनका असर पृथ्‍वी पर साफ देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों सूर्य पर महाविस्फोट की वजह से धरती का आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से भर गया था. उस सौर तूफान का असर इतना तगड़ा था कि महासागरों की तलहटी तक में महसूस किया गया. कनाडा के पास समुद्र की निगरानी कर रहे 'ओशन नेटवर्क्स कनाडा' (ONS) के मैग्नेटिक कंपास गड़बड़ा गए. सूर्य की सतह से निकले चार्ज्ड पार्टिकल्स ने पृथ्‍वी के चुंबकीय क्षेत्र में खलबली पैदा कर दी थी. इन सौर तूफानों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर भविष्य की तैयारी की जा सकती है. ऐसे सौर तूफानों का पृथ्वी पर कैसा असर होता है, वैज्ञानिक यह भी समझ सकते हैं. Science Alert से बातचीत में यूनिवर्सिटी ऑफ विक्टोरिया के फिजिसिस्ट, जस्टिन अल्बर्ट ने बताया कि अगले दो साल सूर्य से ऐसे तूफान उठते रहेंगे.


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अल्बर्ट ने कहा, 'अगले दो साल सूर्य के 11 वर्षीय सौर चक्र का चरम साबित होंगे. करीब एक दशक काफी हद तक निष्क्रिय रहने के बाद, पिछले हफ्ते दिखी ऑरोरा जैसी घटनाओं की फ्रीक्वेंसी अगले दो साल में और बढ़ेगी.'


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Solar Storms 2024: आखिर इतना सक्रिय कैसे है हमारा सूरज?


हाल के दिनों में सूर्य काफी सक्रिय रहा है क्योंकि यह अपने सौर चक्र के चरम के नजदीक पहुंच रहा है. सोलर स्टॉर्म यानी सौर तूफानों को जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म भी कहा जाता है. ये सूर्य की सतह पर होने वाली उन गतिविधियों में से एक हैं जिनका धरती पर सबसे ज्यादा असर होता है. सौर तूफान तब आते हैं जब सूरज की सतह पर विस्फोट होता है. उससे हजारों बिलियन टन पदार्थ बाहर निकलता है.


जब सूर्य का कोरोनल मास इजेक्शन (CME) धरती की सतह तक पहुंचता है तो पार्टिकल्स मैग्नेटिक फील्ड से टकराते हैं, उसमें उलझ जाते हैं, उनकी रफ्तार बढ़ जाती है और फिर वे वायुमंडल में विलीन हो जाते हैं. सोलर पार्टिकल्स के दूसरे पार्टिकल्स से टकराने की वजह से ही ऑरोरा लाइट्स होती हैं.