कॉमनवेल्थ गेम्स या मजाक...न हॉकी न क्रिकेट, रेसलिंग और शूटिंग सहित 13 स्पोर्ट्स गायब, जानें क्यों हुआ ऐसा?
Commonwealth Games 2026: कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 शुरुआती अड़चनों के बाद आखिरकार स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होना तय हुआ है. बजट से जुड़ी समस्याओं के कारण विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया) ने मेजबानी से खुद को अलग कर लिया था.
Commonwealth Games 2026: कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 शुरुआती अड़चनों के बाद आखिरकार स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होना तय हुआ है. बजट से जुड़ी समस्याओं के कारण विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया) ने मेजबानी से खुद को अलग कर लिया था. उसके बाद से कॉमनवेल्थ गेम्स को नए मेजबान शहर की तलाश थी. काफी मशक्कत के बाद अब इसका आयोजन ग्लासगो में होगा. हालांकि, यह भारतीय फैंस के लिए निराशाजनक होने वाला है. कई मशहूर खेलों को इस बार हटा दिया गया है.
ये 13 खेल हुए बाहर
हॉकी, क्रिकेट, रेसलिंग, शूटिंग और बैडमिंटन जैसे मशहूर खेल अगली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं होंगे. यह निर्णय विक्टोरिया द्वारा आयोजन रद्द करने के बाद लियागया है. ऐसे में भारतीय फैंस का ध्यान अब सीधे एशियन गेम्स और ओलंपिक पर होगा. कुल मिलाकर 13 खेलों को काट दिया गया है. इनमें फील्ड हॉकी, क्रिकेट, रग्बी सेवन, डाइविंग, बैडमिंटन, बीच वॉलीबॉल, रोड साइकिलिंग, माउंटेनबाइकिंग, रिदमिग जिमनास्टिक, स्क्वैश, टेबल टेनिस/पारा-टेबल टेनिस, ट्रायथलॉन/पारा-ट्रायथलॉन और रेसलिंग हैं.
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भारत के CWG मेडल संभावनाओं पर असर
भारत ने ऐतिहासिक रूप से कॉमनवेल्थ खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसमें हॉकी, क्रिकेट, कुश्ती और बैडमिंटन देश के मेडल टैली में अहम योगदान दिया है. इन खेलों को हटाने से 2026 में काफी असर पड़ेगा. भारतीय मेंस और विमेंस हॉकी टीम मेडल की दावेदार रही हैं. मेंस टीम ने पिछली बार सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. रेसलिंग में भारत ने लगातार पोडियम पर अपना दबदबा बनाया है, जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ी नियमित मेडल विनर रहे हैं. क्रिकेट ने 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में डेब्यू किया था. महिला टीम पिछली बार सिल्वर मेडल जीतने में सफल हुई थी.
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क्या है पूरा मामला?
विक्टोरिया को शुरू में 2026 कॉमनवेल्थ खेलों के लिए मेजबानी के अधिकार दिए गए थे. हालांकि, एक चौंकाने वाले कदम में राज्य के प्रीमियर डैनियल एंड्रयूज द्वारा बजटीय पाबंदियों के कारण इस आयोजन को रद्द कर दिया गया था. मूल रूप से 2.6 बिलियन डॉलर आवंटित की गई थी. इसके बाद अनुमानित लागत बढ़कर लगभग 7 बिलियन डॉलर हो गई. इससे सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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स्कॉटलैंड ने किसी तरह कॉमनवेल्थ गेम्स को बचाया
स्कॉटलैंड ने 2014 में खेलों की मेजबानी की थी. उसने बहुत छोटे बजट और काफी कम खेल रोस्टर के साथ 2026 सीजन को बचाने के लिए कदम बढ़ाया. संशोधित संस्करण में केवल 10 खेल शामिल होंगे. इनमें एथलेटिक्स, तैराकी, मुक्केबाजी और साइकिलिंग शामिल हैं. ऐसे में भारत का ध्यान अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों जैसे एशियाई खेलों और ओलंपिक की ओर शिफ्ट हो सकता है.