Commonwealth Games 2022: एथलेटिक्स टीम की अगुआई करेंगे नीरज चोपड़ा, ओलंपिक के बाद कॉमनवेल्थ में गोल्ड की उम्मीद
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में सभी की निगाहें ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन पर लगी होंगी. नीरज ओलंपिक की फॉर्म को कॉमनवेल्थ गेम्स में भी जारी रखने की कोशिश करेंगे.
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में सभी की निगाहें ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन पर लगी होंगी लेकिन मुरली श्रीशंकर और अविनाश साबले भी पदक के मजबूत दावेदारों में शामिल हैं जिससे भारतीय एथलेटिक्स टीम की निगाहें बर्मिंघम में आगामी चरण में घरेलू सरजमीं के बाहर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर लगी होंगी.
कई खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीद
महिला भाला फेंक एथलीट अनु रानी और 38 साल की अनुभवी चक्का फेंक एथलीट सीमा अंतिल (राष्ट्रमंडल खेलों में तीन रजत और एक कांस्य) पोडियम स्थान हासिल कर सकती हैं जबकि भारत के पुरूष त्रिकूद स्पर्धा में एक से ज्यादा पदक जीतने की उम्मीद है. कई विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के आने से भारत 28 जुलाई से आठ अगस्त तक चलने वाले खेलों में आधा दर्जन पदकों की उम्मीद लगाए होगा.
2010 में किया था शानदार प्रदर्शन
देश का एथलेटिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिल्ली 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में रहा है जिसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और 7 कांस्य पदक ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा के खाते में रहे थे. उस प्रदर्शन की बराबरी करना हालांकि निश्चित रूप से मुश्किल होगा लेकिन भारतीय अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश में होंगे. अभी तक भारतीय एथलेटिक्स दल का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2014 और 2018 के चरण में रहा है जिसमें उन्होंने तीन पदक (एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य) जीते थे.
वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद बर्मिंघम पहुंचेंगे एथलीट
अमेरिका के यूजीन में चल रही विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचे सभी 6 भारतीय इसके बाद सीधे बर्मिंघम पहुंचेंगे. देश के नाम अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में 28 पदक (पांच स्वर्ण, 10 रजत और 13 कांस्य) हैं जिसमें महान एथलीट मिल्खा सिंह ने 1958 में पुरुषों की 440 यार्ड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. लॉन्ग जंप की एथलीट ऐश्वर्या पदक (कांस्य पदक) दावेदारों में शामिल हो सकती थीं क्योंकि पिछले महीने राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में उन्होंने 14.14 मीटर की कूद लगाई थी.
नीरज चोपड़ा की राह है आसान
गत चैम्पियन चोपड़ा को हालांकि स्वर्ण पदक के लिए निश्चित दावेदार नहीं हैं क्योंकि उन्हें पहले स्थान के लिए ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से चुनौती मिलेगी. पीटर्स 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में 82.20 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरे स्थान पर रहे थे जबकि चोपड़ा ने 86.47 मीटर से स्वर्ण पदक जीता था. लेकिन इसके बाद पीटर्स ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप जीती और इस साल तीन बार 90 से ज्यादा मीटर की दूरी के थ्रो कर चुके हैं. चोपड़ा ने दो बार पीटर्स को पछाड़ा है जबकि ग्रेनाडा का यह 24 साल का एथलीट इस साल तीन प्रतियोगिताओं में एक बार ही भारतीय पर भारी पड़ा है.
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