नई दिल्ली : भारत और न्यूजीलैंड के बीच 29 अक्टूबर को 3 मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी और निर्णायक मैच खेला जा रहा है. इस मैच से ही सीरीज के विजेता का ऐलान हो पाएगा. 22 अक्टूबर को मुंबई में हुए पहले वनडे में न्यूजीलैंड ने भारत को 6 विकेट से हराया था. 25 अक्टूबर को पुणे में खेले गए दूसरे वनडे में भारत ने न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराया था. इसके बाद यह सीरीज 1-1 से बराबर है. तीसरा मैच 29 अक्टूबर को कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में खेला जा रहा है. 


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यह इत्तेफाक ही है कि साल भर पहले 29 अक्टूबर 2016 के दिन भारत और न्यूजीलैंड के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज का निर्णायक मैच खेला गया था. इस सीरीज को भारत ने 3-2 से जीता था. यह मैच यूं को पूरी टीम इंडिया के लिए खास था, लेकिन सबसे खास था टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए. 


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दरअसल, इस मैच के साथ ही धोनी ने वनडे क्रिकेट से बतौर कप्तान संन्यास ले लिया. 29 अक्टबूर 2016 को न्यूजीलैंड के खिलाफ विशाखापट्नम में खेला गया यह मैच बतौर कप्तान वनडे कप्तान आखिरी मैच था. 


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इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने शानदार 41 रनों की पारी खेली थी. यह भारत-न्यूजीलैंड के बीच 5 वनडे मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला था. दोनों टीमें 2-2 से बराबर थी. इसी मैच से सीरीज के विजेता का फैसला तय होना था. विजाग में खेले गए इस आखिरी मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को 190 रनों से मात दी थी और सीरीज को 3-2 से अपने नाम किया था. 


इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 269 रन बनाए थे और न्यूजीलैंड की टीम मात्र 79 रनों पर ऑल आउट हो गई थी. टीम इंडिया की जीत में सबसे अहम रोल अमित मिश्रा ने अदा किया था, जिन्होंने सिर्फ 18 रन देकर 5 विकेट लिए थे.


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मां के नाम की जर्सी पहन कर खेली थी टीम इंडिया 
यह मैच एक और मायने में बेहद खास था. इस मैच में पूरी टीम इंडिया अपनी मां के नाम की जर्सी पहन कर मैदान पर उतरी थी और उसी जर्सी में मैच भी खेला था. दरअसल, भारतीय खिलाड़ियों ने बड़े गर्व के साथ पहली बार अपनी मां के नाम की जर्सी पहनी है. भारतीय टीम के  हर खिलाड़ी की टीशर्ट के पीछे उनकी मां का नाम लिखा है. इसके पीछे का तर्क ये है कि हर किसी के जीवन में मां का योगदान सबसे बड़ा होता है, तो सिर्फ पिता का नाम ही लेकर मैदान में क्यों उतरा जाए. 


इससे पहले टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ी एक विज्ञापन में नजर आए थे. इस विज्ञापन ये तीनों खिलाड़ी इस मुहिम का समर्थन करते नजर आए थे. उस दौरान धोनी ने कहा था कि 'इतने दिनों से मैं अपने पिता का का नाम पहन रहा था, तब तो किसी ने कभी नहीं पूछा कि कोई खास वजह. अब लोग इसकी वजह पूछ रहे हैं.'


वहीं, विराट का कहना था कि मैं आज जो हूं अपनी मां की वजह से हूं, मैं जितना कोहली हूं, उतना सरोज भी. वहीं रहाणे का कहना था कि लोग कहते हैं कि पिता का नाम रोशन करो, लेकिन मेरे लिए मां का नाम रोशन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.' इस मुहिम हर किसी को भावुक बना दिया था.