AFG vs ZIM: अंपायर से पंगा लेना प्लेयर्स के लिए पैर पर कुल्हाड़ी मारने से कम नहीं है. जिम्बाब्वे के खिलाफ एक मुकाबले में अफगानी टीम के तेज गेंदबाज ने अंपायर के फैसले का विरोध किया. जिसके बाद अब आईसीसी उनके ऊपर जुर्माना ठोक दिया है. यह घटना दूसरे वनडे की है जब पेसर फजलहक फारूकी अंपायर के विरोध में नजर आए. फारुखी नो बॉल मानने को तैयार नहीं थे. जिसके चलते अब आईसीसी उनके ऊपर जुर्माना ठोक दिया है.


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क्या था मामला?


अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच दूसरा वनडे हरारे में खेला गया. जिम्बाब्वे की पारी के 5वें ओवर में फारुखी ने अंपायर के फैसले का विरोध किया. अंपायर ने तेज गेंदबाज की क्रेग इरविन के खिलाफ पगबाधा की अपील को ठुकरा दिया गया और उन्होंने इसका विरोध किया. मैच में डीआरएस उपलब्ध नहीं है, इसके बावजूद फारूकी ने रिव्यू का इशारा किया जिसके लिए उनपर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया. 


नहीं लगा मैच का बैन


फारूकी पर आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की आचार संहिता के लेवल एक का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया. यह उल्लंघन खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ के लिए आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के अंतर्गत आता है जो अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति जताने से संबंधित है. फारूकी के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमैरिट अंक भी जोड़ दिया गया जिनका यह 24 महीने में पहला उल्लघंन था.


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अफगानिस्तान की एकतरफा जीत


अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ एकतरफा जीत दर्ज की. टीम ने 232 रन से मुकाबले को अपने नाम किया और सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है. अफगानिस्तान ने पहले बैटिंग करते हुए 286 रन बनाए थे, जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 54 के स्कोर पर ही सिमट गई.