नई दिल्ली : दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के 30 जून को होने वाले चुनावों में बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना की पत्नी शशि खन्ना उपाध्यक्ष पद के लिए अपना दावा पेश करेंगी. पूर्व टेस्ट खिलाड़ी मदनलाल, वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा और उच्चतम न्यायालय के एडवोकेट विकास सिंह अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं. 


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नामांकन की प्रक्रिया आज समाप्त होने के बाद सबसे दिलचस्प नामांकन 64 वर्षीय शशि खन्ना का रहा. वे राकेश बंसल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. राकेश डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष स्नेह बंसल के छोटे भाई हैं. शशि खन्ना के अलावा एक अन्य महिला सरोज कत्याल भी मैदान पर हैं जो विनोद तिहाड़ा-नरिंदर बत्रा गुट की हैं. सरोज डीडीसीए के अधिकारी अशोक कत्याल की पत्नी हैं. 



मदनलाल के गुट को सीके खन्ना और चेतन चौहान के समर्थकों का समर्थन हासिल है. इस गुट की तरफ से सचिव पद के लिए मनजीत सिंह, संयुक्त सचिव पद के लिए पुष्पेंदर सिंह और कोषाध्यक्ष पद के लिए दीपक सिंघल मैदान में हैं. 


दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा डीडीसीए के प्रशासक नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) विक्रमजीत सेन के अंतर्गत बनी क्रिकेट सलाहकार समिति के मदनलाल प्रमुख रह चुके हैं. मदनलाल ने भारत की ओर से 39 टेस्ट खेले और 22 .65 की औसत से 1042 रन बनाए. उन्होंने इस दौरान 40 . 08 के औसत से 71 विकेट भी हासिल किए. इस आलराउंडर ने 67 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और 29 .27 के औसत से 73 विकेट चटकाने के अलावा 401 रन भी बनाए. 


मदनलाल सितंबर 1996 से सितंबर 1997 तक भारतीय टीम के कोच रहे. इससे पहले 1996 विश्व कप में उन्होंने यूएई की टीम को कोचिंग दी. वह 2000-01 में राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य भी रहे. 


रजत शर्मा को भी मिल रहा है ताकतवर समर्थन
दूसरी तरफ रजत शर्मा को डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष स्नेह बंसल और पूर्व कोषाध्यक्ष नरिंदर बत्रा का समर्थन हासिल है. बत्रा भारतीय ओलंपिक संघ और अंतरराष्ट्रीय हाकी महसंघ के अध्यक्ष हैं. पदम भूषण पुरस्कार विजेता शर्मा हिन्दी समाचार चैनल इंडिया टीवी के चेयरमैन और मुख्य संपादक हैं.


शर्मा के पैनल में राकेश बंसल (वाइस प्रेजिडेंट पद), विनोद तिहाड़ा (सेक्रटरी पद) और एमएलए ओमप्रकाश शर्मा (डायरेक्टर पद) शामिल हैं.  शर्मा की उम्मीदवारी का डीडीसीए के पूर्व प्रेजिडेंट स्नेह बंसल, ट्रेजरार और इंटरनैशनल हॉकी फेडरेशन (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने समर्थन किया है. 


डीडीसीए प्रशासक न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने 14 मई को डीडीसीए चुनावों की घोषणा की थी. उन्होंने इसके साथ ही निर्देश जारी किया कि चुनाव प्रॉक्सी मतदान प्रणाली के बिना होंगे जिसकी काफी आलोचना होती रही है. डीडीसीए में यह चुनाव करीब पांच साल बाद हो रहे हैं. पिछली बार दिसंबर 2013 में चुनाव हुए थे.