Indian Cricket: पोलियो के कारण सूख गया था हाथ, कमजोरी को बनाया ताकत; इस भारतीय स्पिनर ने झटके 1000 से ज्यादा विकेट
Indian Cricket Stats: कुछ लोग ऐसे होते हैं जो किसी चीज की कमी होने पर हिम्मत नहीं हारते, अपनी कमजोरी को ही ताकत बना लेते हैं. भारत का भी एक ऐसा ही स्पिनर रहा जिसका हाथ पोलियो के कारण सूखने लगा था. बाद में उसी खिलाड़ी ने दुनिया में नाम कमाया.
Bhagwath Chandrasekhar: भारत ने दुनिया को कई ऐसे क्रिकेटर दिए, जिन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया. कई तो आज भी कमाल का प्रदर्शन करते हुए नित नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. आज एक ऐसे गेंदबाज की बात होगी, जिन्होंने अपनी शारीरिक कमजोरी को ताकत बना लिया और करीब 15 साल तक टीम इंडिया से खेलते रहे. इस खिलाड़ी का नाम है- भागवत सुब्रमण्यम चंद्रशेखर.
बचपन में हुआ पोलियो
भागवत चंद्रशेखर का जन्म साल 1945 में ब्रिटिश शासनकाल के मैसूर (आज कर्नाटक) में हुआ था. बचपन में उन्हें एक बड़ा झटका लगा. उन्हें चंद्रा भी कहा जाता है. जब वह 6 साल के थे, तब पोलियो के कारण उनका दायां हाथ खराब होने लगा. हालांकि धीरे-धीरे तमाम कोशिशों के बाद उनके हाथ में सुधार हुआ. करीब 4-5 साल के बाद उनका हाथ ठीक हो गया और उन्होंने लेग-ब्रेक गेंदबाजी के दम पर खूब नाम कमाया.
दिल्ली टेस्ट में 8 विकेट, फिर भी हारा भारत
दिल्ली में साल 1972 में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच खेला गया. इस मैच में चंद्रा ने गजब का खेल दिखाया. उन्होंने 20 दिसंबर 1972 को शुरू हुए इस मुकाबले की पहली पारी में इंग्लैंड के 8 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. दूसरी पारी में भी उन्हें एक विकेट मिला. भारत ने पहली पारी में 173 रन बनाए जिसके बाद इंग्लैंड को 200 रन पर समेटा. फिर अपनी दूसरी पारी में मेजबानों ने 233 रन बनाए जिससे इंग्लैंड को जीत के लिए 207 रनों का टारगेट मिला. इंग्लैंड ने 4 विकेट खोकर ही इसे हासिल कर लिया.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में झटके 1063 विकेट
भागवत चंद्रशेखर ने करीब 15 साल तक भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने साल 1964 में टेस्ट डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने कई अहम मैचों में जीत दिलाई. वह अपने करियर में 58 टेस्ट और एक वनडे इंटरनेशनल मैच खेले. उन्होंने इस दौरान 242 टेस्ट विकेट हासिल किे. एक ही वनडे मैच में उन्होंने तीन विकेट झटके. फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने 1063 विकेट झटके.
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