नई दिल्ली: कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को भारतीय पुरुष टीम के मुख्य कोच पद के लिए दोबारा चुन लिया. बतौर कोच शास्‍त्री को भले ही टीम इंडिया की फिर से कमान मिल गई हो, लेकिन क्रिकेट यह फैसला प्रशंसकों के गले नहीं उतर रहा है. प्रशंसकों का मानना है कि इस पद के लिए आस्ट्रेलिया के टॉम मूडी और न्यूजीलैंड के माइक हेसन उपयुक्त विकल्प थे. अब नाराजगी जाहिर करते हुए टीम इंडिया के प्रशंसक ट्विटर, फेसबुक समेत दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तरह-तरह से अपने रिएक्शन दे रहे हैं.


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शास्त्री का नया कार्यकाल टी-20 विश्व कप-2021 तक होगा. वह इस समय टीम के साथ विंडीज दौरे पर हैं और उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीएसी के समक्ष इंटरव्यू दिया. शास्त्री ने इस रेस में आस्ट्रेलिया के टॉम मूडी और न्यूजीलैंड के माइक हेसन को पीछे किया है.






सीएसी के चेयरमैन कपिल देव ने कहा, "हम तीनों ने आमसहमति से फैसला किया है कि रवि शास्त्री भारतीय टीम के मुख्य कोच पद पर बने रहेंगे."




इन तीनों के अलावा भारत के पूर्व मैनेजर रह चुके लालचंद राजपूत और रोबिन सिंह भी रेस में थे लेकिन यह दोनों आखिरी तीन में नहीं पहुंच पाए. वहीं वेस्टइंडीज के पूर्व कोच फिल सिमंस ने अपना नाम वापस ले लिया था.



कपिल ने कहा, "तीनों के बीच काफी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा थी और शास्त्री काफी करीबी अंकों से आगे रहे. हमने चुनाव करते हुए कोचिंग स्किल्स, उनके अनुभव, खेल की जानकारी, उपलब्धियां और जो भी हमें पैरामीटर दिए गए थे उनको ध्यान में रखा. हमने उनके प्रेजेंटेशन को ध्यान से सुना और उनको सुनने के बाद उनको अंक दिए."




शुरुआत से ही ऐसी अटकलें थीं कि शास्त्री इस पद पर बने रहेंगे. विंडीज दौरे पर जाने से पहले टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी शास्त्री का समर्थन किया था. शास्त्री के नेतृत्व में टीम ने पिछले साल आस्ट्रेलिया में 71 साल बाद टेस्ट सीरीज जीती थी. इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में भी टीम ने सेमीफाइनल का सफर तय किया था.




सीएसी के एक और सदस्य अंशुमन ने शास्त्री को चुनने की वजह बताते हुए कहा, "वह पहले से ही टीम के बारे में जानते हैं, वह टीम के खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से जानते हैं. वह जानते हैं कि टीम में क्या समस्याएं हैं और उन्हें दूर कैसे करना है. वह टीम के सिस्टम को भी जानते हैं. वहीं अगर दूसरा होता तो उसे दोबारा से शुरू करना पड़ता. इसलिए हमें लगा कि उन्हें बरकरार रखना ही सही होगा."



कपिल ने हालांकि इस बात से साफ मना कर दिया कि इस मसले पर कोहली से राय ली गई है. पूर्व कप्तान ने कहा, "कोहली से हमने राय नहीं ली. अगर हम उनकी राय लेते तो हम पूरी टीम की भी राय लेते."