Border-Gavaskar Trophy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 22 नवंबर को शुरू होगी. इस दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है. न्यूजीलैंड के खिलाफ हालिया घरेलू सीरीज में शर्मनाक हार के बाद भारतीय खिलाड़ी काफी दबाव में हैं. कीवियों ने बेंगलुरु, पुणे और मुंबई में बुरी तरह हरा दिया. अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचने के लिए टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा.


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ऑस्ट्रेलिया से भिड़ना आसान नहीं


बॉर्डर-गावस्कर सीरीज इतनी कठिन होती है कि भारत के छह दिग्गज खिलाड़ियों को सीरीज के बाद संन्यास तक लेना पड़ गया. इनमें पूर्व कप्तान अनिल कुंबले, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी हैं. कुंबले और गांगुली ने फॉर्म के कारण संन्यास नहीं लिया था. उनके अलावा चारों खिलाड़ियों को खराब फॉर्म के कारण रिटायर होना पड़ा था.


कब किसने लिया संन्यास:
अनिल कुंबले: 2008-09 में घरेलू मैदान पर अनिल कु्ंबले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कप्तान थे. उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले ही बता दिया था कि वह दिल्ली में होने वाले दूसरे मुकाबले के बाद संन्यास ले लेंगे. कुंबले ने तब सीरीज के दो मैचों में होमग्राउंड पर सिर्फ 3 विकेट ले लिए थे. उन्होंने फिर संन्यास ले लिया. कुंबले के बाद महेंद्र सिंह धोनी टेस्ट में कप्तान बने. कुंबले ने 132 टेस्ट मैच के करियर में 619 विकेट लिए.


सौरव गांगुली: कुंबले के बाद उसी सीरीज में भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. उन्होंने नागपुर में खेला गया मैच उनका आखिरी मुकाबला साबित हुआ. गांगुली उस सीरीज में शानदर फॉर्म में थे. उन्होंने 4 टेस्ट मैचों की 8 पारियों में क्रमश: 47, 26*, 102, 27, 5, 32*, 85 और 0 रन बनाए थे. गांगुली को धोनी ने मैच के आखिरी में कुछ समय के लिए सम्मान के तौर पर कप्तानी दे दी थी. गांगुली ने 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए.


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राहुल द्रविड़: भारत के महान बल्लेबाज और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शर्मनाक प्रदर्शन के बाद संन्यास ले लिया था. उन्होंने 4 टेस्ट मैचों में क्रमश: 68, 10, 5, 29, 9, 47, 1, 25 रन बनाए थे. उससे पहले इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने 4 टेस्ट मैचों में 3 शतक लगाए थे. ऑस्ट्रेलिया में फेल होते ही द्रविड़ ने संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने 164 टेस्ट मैचों में 13288 रन बनाए. इस दौरान 36 शतक लगाए.


वीवीएस लक्ष्मण: भारतीय क्रिकेट के 'वेरी-वेरी स्पेशल' प्लेयर वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया में हमेशा रन बरसाए थे, लेकिन बस एक सीरीज खराब होते ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया. लक्ष्मण ने 2011-12 में बुरी तरह फेल रहे थे. ऑस्ट्रेलिया में 4 टेस्ट क 8 पारियों में वह 2,1,2,66,31,0,18,35 का स्कोर ही बना पाए थे. इसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया. लक्ष्मण ने 134 टेस्ट मैचों में 8781 रन बनाए.


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वीरेंद्र सहवाग: 2013 में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आई तो वीरेंद्र सहवाग बुरी फॉर्म में चल रहे थे. वह इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 3 टेस्ट में फेल हुए थे. सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में 2 और 19 रन की पारी खेली. इसके बाद हैदराबाद में वह 6 रन ही बना सके. सहवाग का करियर इसी टेस्ट के बाद खत्म हो गया. उन्हें फिर टीम से बाहर कर दिया गया. सहवाग ने कुछ समय बाद संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने 104 टेस्ट मैचों में 8586 रन बनाए.


महेंद्र सिंह धोनी: भारत के महान कप्तानों में एक महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट करियर भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बाद ही खत्म हुआ. उन्होंने 2014-15 के दौरे पर धोनी ने दो टेस्ट मैच खेलने के बाद ही संन्यास ले लिया. इसके बाद विराट कोहली को कप्तानी मिल गई. धोनी ने ब्रिस्बेन में 33, 0 और मेलबर्न में 11 और नाबाद 24 रन बनाए थे. धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैचों में 4876 रन बनाए.


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अब इन दिग्गजों पर लटकी तलवार


अब विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर तलवार लटकी है. इन चारों के पास संभवत: यह आखिरी अवसर है. खासकर रोहित और अश्विन के लिए ऐसा हो सकता है. भारत अपने होमग्राउंड पर अब अगले साल अक्टूबर में टेस्ट सीरीज खेलेगा. तब अश्विन की उम्र 39 से ज्यादा हो जाएगी. बीसीसीआई ने यह तय कर लिया है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद इन दिग्गजों के करियर पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है.