IND vs ENG Test Series: महान बल्लेबाज जेफ्री बॉयकॉट ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों की बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव से निपटने में विफलता टेस्ट सीरीज में भारत के खिलाफ टीम की करारी हार के बड़े कारणों में से एक थी. इंग्लैंड ने 5 मैचों की सीरीज की शुरुआत हैदराबाद में जीत के साथ की थी, लेकिन इसके बावजूद सीरीज में 1-4 से हार झेलनी पड़ी. कुलदीप ने आखिरी चार मैच में 19 विकेट चटकाए. 


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कुलदीप यादव को नहीं पढ़ सके


बॉयकॉट ने 'द टेलीग्राफ' में अपने कॉलम में लिखा, 'मैं हैरान था कि उनमें से कितने (बल्लेबाज) कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को नहीं पढ़ सके और सीरीज के अंत तक भी समझदारी नहीं दिखा रहे थे. एक गेंदबाज आपके लिए शुरुआती कुछ मौकों पर ही एक रहस्य बन सकता है, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर बल्लेबाजों को उनसे निपटने का तरीका ढूंढने में सक्षम होना चाहिए. बहुत से खिलाड़ी उसके खिलाफ कभी भी सहज नहीं दिखे और पिच पर ध्यान दिए बगैर उसका सामना करने का प्रयास किया.'


बल्लेबाजी की भी आलोचना की


बॉयकॉट ने सीरीज में इंग्लैंड के बल्लेबाजों के अत्यधिक आक्रामक रवैये की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, 'वे (इंग्लैंड के बल्लेबाज) डिफेंस की अपनी क्षमता को लेकर आश्वस्त नहीं थे, खासकर बल्ले के चारों ओर क्षेत्ररक्षकों की मौजूदगी में. इसलिए उन्होंने इसके बजाय आक्रमण करना चाहा. यह विचार स्तरीय स्पिनरों के खिलाफ खतरे से भरा है.' टेस्ट क्रिकेट में 8114 रन बनाने वाले इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, 'यही कारण है कि हमने कुछ गलत तरीके से आउट होने वाले खिलाड़ी देखे. जैसे कि ओली पोप जो आगे बढ़कर खेलने की कोशिश में काफी दूरी से स्टंप आउट हुए और बेन डकेट भी अश्विन को आगे बढ़कर खेलते हुए बल्ले के निचले हिस्से पर गेंद लगने के बाद बोल्ड हुए.' 


भारत की पिचें अलग 


बॉयकॉट ने बल्लेबाजों के लिए मजबूत डिफेंस के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, 'स्वदेश के अलावा पाकिस्तान और न्यूजीलैंड में सपाट बल्लेबाजी पिचों पर हमारे बल्लेबाजों ने बहुत मजा किया. भारतीय पिचें थोड़ी अलग हैं. अच्छा डिफेंस भी बल्लेबाजी का हिस्सा है.' 


स्पिनर्स को बताया नौसिखिया


इंग्लैंड के युवा स्पिनरों टॉम हार्टले (22) और शोएब बशीर (17) ने प्रभावित किया, लेकिन बॉयकॉट ने कहा कि वे भारत जैसी स्तरीय टीम के खिलाफ निरंतर प्रभाव डालने के लिए काफी अनुभवहीन थे. उन्होंने कहा, 'तीन नौसिखिया स्पिनरों का चयन करना एक बड़ा जुआ था. अनुभवहीन बच्चे भारत में अनुभवी भारतीय स्पिनरों को कभी भी मात नहीं दे पाएंगे. इंग्लैंड भाग्यशाली था कि विराट कोहली पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं थे और लोकेश राहुल केवल एक टेस्ट खेला.'


(एजेंसी इनपुट के साथ)