नई दिल्ली: 14 अगस्त का दिन भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज ओपनर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के लिए बेहद खास माना जाता है. वो इसलिए क्योंकि आज ही के दिन 30 साल पहले इंग्लैंड की सरजमीं पर सचिन तेंदुलकर ने अपने अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का पहला शतक जड़ा था. सचिन तेंदुलकर के शतकों का सफर इस पारी से शुरू हुआ था. 24 साल के उनके क्रिकेट करियर में उन्होंने 100 इंटरनेशनल शतक लगाए हैं, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. सचिन ने ये शतक इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान साल 1990 में लगाया था. हालांकि मास्टर ब्लास्टर के इस शतक के पीछे की कहानी कुछ और ही थी.


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17 साल और 112 दिन के सचिन ने उस दिन न सिर्फ शतक बनाया था बल्कि भारत को मैच हारने से भी बचाया था. भारत बनाम इंग्लैंड मैनचेस्टर टेस्ट में टीम इंडिया का हालात काफी खराब थी और इंग्लैंड की ओर से दिए गए 408 रनों के लक्ष्य का पीछा करते वक्त भारत ने 183 रनों पर अपने 6 विकेट गंवा दिए थे. उसके बाद क्रीज पर डटे सचिन तेंदुलकर को इंग्लिश गेंदबाजों ने बांउसर डाल के थोड़ा परेशान किया लेकिन जैसे ही सचिन सेट हुए और फिर उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर क्लास ली. सचिन ने इस टेस्ट में अपना पहला शतक पूरा किया और नाबाद 119 रनों की शानदार पारी खेली. मैच के आखिरी दिन सचिन ने मनोज प्रभाकर से साथ 160 रनों रिकॉर्ड साझेदारी कर टीम इंडिया के स्कोर को 343-6 तक पहुंचा दिया. जिसकी वजह से ये टेस्ट मैच ड्रा रहा.


 



लेकिन ऐसा माना जाता है कि सचिन के इस पहले शतक की नींव 1989 के पाकिस्तान दौरे पर पड़ गई थी. जब सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला अर्धशतक जड़ा था. दरअसल सियालकोट में भारत और पाकिस्तान टेस्ट मैच के लिए आमने-सामने थे. भारत मैच में पिछड़ रहा था. 38 रनों पर टीम इंडिया के 4 विकेट गिर गए थे. फिर सचिन बल्लेबाजी करने आए लेकिन पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार यूनुस का एक बाउंसर सचिन की नाक पर जा लगा और वह खून में लथपथ मैदान पर दर्द से कराह रहे थे. पर सचिन ने हार नहीं मानी, चोट के बावजूद वह मैदान पर डटे रहे और 57 रनों की पारी खेल भारत के लिए मैच बचाया. उस मैच में भारत के लिए मैच बचाने का अनुभव सचिन तेंदुलकर के लिए 1990 मैनचेस्टर टेस्ट में काम आया जिसकी वजह से वह अपना पहला शतक बनाने में कामयाब हुए.