कभी दिहाड़ी मजदूरी कर जुटाए जूतों के लिए रुपए, अब एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल
एथलीट सड़क निर्माण में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे और हर दिन 150 रुपये कमाते थे.
पटियाला (पंजाब): गुजरात के डांग जिले में सड़क निर्माण में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले आदिवासी एथलीट गवित मुरली कुमार ने पटियाला में आयोजित फेडरेशन कप नेशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप के तीसरे दिन पुरुषों के 10000 मीटर दौड़ को अपने नाम करने के साथ एशियाई चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई किया.
कुमार ने इस टूर्नामेंट के पहले दिन पुरुषों के 5000 मीटर दौड़ को भी अपने नाम किया था. उन्होंने रविवार को 29 मिनट 21.99 सेकंड के समय के साथ दूसरा गोल्ड मेडल हासिल किया. उनका यह समय एशियाई चैंपियनशिप के क्वालिफिकेशन मार्क 29 मिनट 50 सेकेंड से काफी बेहतर रहा.
डांग में सपुतारा हिल स्टेशन के पास गांव में रहने वाले 22 साल के इस एथलीट ने कहा, ‘‘ रविवार और स्कूल की वार्षिक परीक्षा और नए सत्र के बीच के दो महीनों के समय में मैं अपने घर के पास सड़क निर्माण में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता था और प्रति दिन 150 रुपये कमाता था. यह 2013 और 2014 की बात है. मैंने इस रकम का इस्तेमाल दौड़ने वाले जूते खरीदने में किया.’’
अन्नू ने अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड में सुधार किया
भाला फेंक खिलाड़ी अन्नू रानी ने भी यहां अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड में सुधार करने के साथ एशियाई और विश्व चैंपियनशिप का टिकट हासिल करने में सफल रहीं. 26 साल की अन्नू ने 62.34 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर गोल्ड मेडल हासिल किया. यह उनके पहले के राष्ट्रीय रिकॉर्ड (2017 में) 61.86 मीटर से लगभग आधा मीटर अधिक है.
इस साल सितंबर-अक्टूबर में दोहा में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाइंग मार्क 61.50 मीटर था जबकि अगले महीने दोहा में होने वाले एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने 58 मीटर का क्वालीफाइंग मार्क निर्धारित किया था.
यहां के राष्ट्रीय खेल मैदान में हरियाणा की कुमारी शर्मिला ने 54.98 मीटर की थ्रो के साथ सिल्वर जबकि पंजाब की रूपिंदर कौर 53.90 मीटर के प्रयास के साथ ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.
(इनपुट-भाषा)