ICC ने उस्मान ख्वाजा को दिया तगड़ा झटका, बल्ले और जूतों पर ऐसा स्टिकर लगाने की मांग हुई रद्द
AUS vs PAK: एमसीजी में पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने अनुभवी सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा के मैच के दौरान अपने बल्ले और जूतों पर कबूतर का स्टिकर लगाने के अनुरोध को खारिज कर दिया है.
Usman Khawaja News: एमसीजी में पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच से पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने अनुभवी सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा के मैच के दौरान अपने बल्ले और जूतों पर कबूतर का स्टिकर लगाने के अनुरोध को खारिज कर दिया है. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, ख्वाजा ने ऑस्ट्रेलिया के अभ्यास सत्र के दौरान जैतून की शाखा पकड़े हुए काले कबूतर का लोगो पहनकर एमसीजी में प्रशिक्षण लिया. यह लोगो उनके दाहिने जूते पर और उनके बल्ले के पीछे भी था.
ICC ने उस्मान ख्वाजा को दिया तगड़ा झटका
रिपोर्ट में कहा गया है कि ख्वाजा ने एमसीजी टेस्ट से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन के साथ लोगो की जांच की और किसी भी निकाय से कोई आपत्ति नहीं मिली, लेकिन रविवार सुबह आईसीसी से उनके आवेदन की अस्वीकृति आ गई.' ख्वाजा को पहले पर्थ में पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के पहले टेस्ट के दौरान अपने जूते पर "सभी जीवन समान हैं" और "स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है" नारे लगाने से रोका गया था. उन्होंने मैच के दौरान काली पट्टी पहनी थी, लेकिन ऐसा करने पर आईसीसी ने उन्हें फटकार लगाई.
बल्ले और जूतों पर ऐसा स्टिकर लगाने की मांग हुई रद्द
शुक्रवार को ख्वाजा ने पर्थ में काली पट्टी पहनने पर आईसीसी की फटकार पर बात की. ख्वाजा ने कहा, 'मैंने सभी नियमों, पिछली मिसालों का पालन किया, जो लोग अपने बल्लों पर स्टिकर लगाते थे, अपने जूतों पर नाम रखते थे, अतीत में आईसीसी की मंजूरी के बिना सभी तरह की चीजें कीं और कभी भी डांट नहीं खाई. मैं आईसीसी (जो कहता है) और उनके नियमों और विनियमों का सम्मान करता हूं.'
ख्वाजा ने निकाली अपनी भड़ास
ख्वाजा ने कहा, 'मैं उनसे पूछूंगा और प्रतिवाद करूंगा कि वे इसे सभी के लिए निष्पक्ष और न्यायसंगत बनाएं, और वे जिस तरह से कार्य करते हैं उसमें एकरूपता है. वह निरंतरता अभी तक नहीं बन पाई है. जब मैं अपने इंस्टाग्राम पर देखता हूं और मासूम बच्चों को मरते, मरते हुए देखता हूं, तो मुझे सबसे ज्यादा झटका लगता है.' ख्वाजा ने कहा, 'मैं बस अपनी बेटी को अपनी बाहों में और उसी चीज की कल्पना करता हूं. मैं अभी फिर से इसके बारे में बात करते हुए भावुक हो गया हूं. मेरे लिए, यही कारण है कि मैं ऐसा कर रहा हूं. मेरा कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है. कुछ भी हो, इससे मेरे प्रति और अधिक नकारात्मकता सामने आती है.'
'लोग मुझ पर हमला करने आते हैं'
ख्वाजा ने कहा, 'लोग मुझ पर हमला करने आते हैं. मुझे इससे कुछ नहीं मिलता. मुझे बस ऐसा लगता है कि इस पर बोलना मेरी जिम्मेदारी है. हम इतने खूबसूरत देश में रहते हैं. मुझे ऑस्ट्रेलिया में रहने का सौभाग्य मिला है. मैं बाहर घूम सकता हूं, किसी भी चीज के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. मेरे बच्चे भी ऐसा कर सकते हैं. मैं बाकी दुनिया के लिए बस यही चाहता हूं.'