नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैड के बीच बुधवार से एशेज सीरीज (Ashes Series) शुरू हो गई है. ये दोनों प्रतिद्वंद्वी जैसे ही इस मुकाबले में मैदान पर उतरे, वैसे ही टेस्ट क्रिकेट के वर्ल्ड कप की शुरुआत भी हो गई. टेस्ट क्रिकेट का वर्ल्ड कप यानि आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC World Test Championship,). आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए इस गेम के फॉर्मेट में बदलाव किए है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (ICC Test Championship) दो साल तक चलेगी, जिसके बाद विश्व को सबसे लंबे फॅार्मेट वाले गेम का विश्व चैंपियन मिलेगा. 

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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में आईसीसी (ICC) की रैंकिंग की टॅाप-9 टीमें भाग ले रही हैं. इस दौरान कुल 27 सीरीज खेली जाएगी, जिसमें 71 मैच होंगे. टेस्ट चैंपियनशिप का विजेता पूरे विश्व को जून 2021 में ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर मिलेगा. इस मैदान पर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाएगा. चैंपियनशिप में हर टीम अपनी विरोधी 6 टीमों के साथ सीरीज खेलेगी. हर टीम 3 अवे सीरीज और 3 होम सीरीज खेलेगी. 

इंग्लैंड 22 और पाकिस्तान 13 मैच ही खेलेगा 
हाल ही में आईसीसी विश्व कप 2019 (वनडे) खत्म हुआ है. इसमें इंग्लैंड पहली बार चैंपियन बना. आईसीसी विश्व कप 2019 राउंड रॉबिन फॅार्मेट पर खेला गया. इसमें हर टीम ने बराबर मैच खेले. लेकिन जब हम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फॉर्मेट देखते हैं, तो कुछ सवाल मन में आते हैं. दरअसल, टेस्ट चैंपियनशिप में हर टीम के मैचों की संख्या अलग-अलग है. जैसे कि इंग्लैंड इस दौरान 22 मैच खेलेगा और पाकिस्तान व श्रीलंका 13-13 मैच ही खेलेंगे. इसी कारण हर मैच की जीत में मिलने वाले अंकों में अंतर रहेगा. और भी कुछ ऐसी बातें हैं, जो यह सवाल उठा रही हैं कि क्या टेस्ट क्रिकेट को वनडे और टी20 जैसा निर्विवाद चैंपियन मिल पाएगा. 

भारत की सीरीज कठिन, न्यूजीलैंड का आसान
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में हर टीम 3 अवे सीरीज और 3 होम सीरीज खेलेगी. चैंपियनशिप में हर टीम खुद तय करेगी, कि उसे किसके साथ खेलना है. यह एक ऐसी चीज है, जो चैंपियनशिप में एकरूपता की कमी दिखाती है. जैसे भारत को छह में से चार सीरीज इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ है. इसमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ हमें अवे सीरीज यानी, उनके घर में सीरीज खेलनी है, जो आसान नहीं होगी. दूसरी ओर, न्यूजीलैंड को इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों से नहीं खेलना होगा, जो उसके लिए फायदे की बात है. 

होम-अवे मैच में जीत के बराबर अंक
टेस्ट चैंपियनशिप में होम और अवे गेम्स के जीत पर अंक बराबर है. मान लीजिए, ऑस्ट्रेलिया एशेज सीरीज में इंग्लैड को उसी के घर में 5-0 से हरा देती है. तब ऑस्ट्रेलिया को आईसीसी 120 अंक देगा. लेकिन अगले साल होने वाली होम सीरीज में ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान को 2-0 से क्लीन स्वीप कर सीरीज अपने नाम कर लेता है तब भी उसे 120 अंक ही मिलेंगे. इससे स्पष्ट है कि आईसीसी ने होम और अवे सीरीज को एक जैसा माना है. ऐसे में जिस टीम को ज्यादा होम मैच खेलने हैं, उसे फायदा मिल सकता है. 

स्लो ओवर रेट पर अंक कटेंगे 
आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप के लिए कई नए नियम लागू किए है. अगर मैच खत्म होने में देरी होती है या स्लो ओवर रेट से मैच देर तक चलता है. तो इसका जु्र्माना टीम को अपने अंक कटवाकर चुकाने होंगे. यानी, यह संभव है कि दो टीमों ने मैच बराबर जीते हों, लेकिन कोई एक टीम स्लो ओवर रेट के कारण रेस में पीछे रह जाए. अब अगर कोई टीम सिर्फ इसलिए फाइनल खेलने से वंचित रह जाए क्योंकि उसका ओवर रेट स्लो था, तो यह कुछ हद तक वैसी ही नाइंसाफी होगी, जो इस बार वनडे विश्व कप के फाइनल में न्यूजीलैंड के साथ हुई. न्यूजीलैंड यह वर्ल्ड कप सिर्फ इसलिए हार गया था क्योंकि उसने इंग्लैंड के मुकाबले कम चौके मारे थे. यानी, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में मैच से लेकर होम-अवे सीरीज और ऐसी कई अन्य बातें हैं, जिनमें एकरूपता नहीं है. 


हर सीरीज जीत पर कितने पॉइंट्स मिलेंगे 
हर सीरीज जीत पर विजेता को 120 पॉइंट्स मिलेंगे. कोई भी टीम चैंपियनशिप के दौरान 5 से अधिक मैच की सीरीज नहीं खेलेगी, ना ही कोई टीम 2 मैच से कम. अगर कोई टीम 2 टेस्ट मैच की सीरीज खेलती है, तो उसको हर एक जीत पर 60 पॉइंट्स मिलेंगे. यानी, अलग-अलग मैचों के हिसाब से अगर कोई टीम 4 टेस्ट मैच की सीरीज खेलती है तो टीम को हर जीत पर 30 पॉइंट्स मिलेंगे. इसी तरह से पॉइंट्स पांच मैच की सीरीज में भी बांटे जाएंगे.