IND vs AUS, 2023: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर अब तक का खराब प्रदर्शन ‘बड़ी गलतियों’ से भरा हुआ है. माइकल क्लार्क को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ने सबसे बड़ी गलती 9 फरवरी से शुरू हुई चार टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले अभ्यास मैच नहीं खेलकर की. पैट कमिंस ने इसके बजाय नागपुर में सीरीज के पहले मैच से पूर्व बेंगलुरु के पास एक संक्षिप्त शिविर लगाने और इससे पूर्व स्वदेश में भारतीय परिस्थितियों जैसी परिस्थितियां तैयार करके अभ्यास का विकल्प चुना था.


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ऑस्ट्रेलियाई टीम पर जमकर आग बबूला हुआ ये दिग्गज


दो हफ्ते बाद मेहमान टीम सीरीज में 0-2 से पीछे है और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने का मौका पहले ही गंवा चुकी है. माइकल क्लार्क ने सोमवार को बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट पर कहा, ‘मैं जो देख रहा हूं उससे मैं हैरान नहीं हूं, क्योंकि हमने अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं लिया. बड़ी, बड़ी, बड़ी गलती. वहां कम से कम एक मैच होना चाहिए था ताकि परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाया जा सके.’ पहले दो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की टॉप स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ कमजोरियां उजागर हुई.


अपने बयान से क्रिकेट जगत में मचाया बवाल


नई दिल्ली में मेहमान टीम के बल्लेबाजों ने स्वीप खेलकर स्पिनरों से निपटने का प्रयास किया, लेकिन यह रणनीति बुरी तरह विफल रही. क्लार्क के अनुसार इसके अलावा एक और बड़ी गलती पहले टेस्ट में ट्रेविस हेड को नहीं खिलाना थी. बाएं हाथ के बल्लेबाज हेड ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 46 गेंद में 43 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे जबकि पूरी टीम 113 रन पर ऑल आउट हो गई. यह पहली बार था जब उन्होंने टेस्ट मैच में पारी की शुरुआत की.


इससे कोई फर्क नहीं पड़ता


माइकल क्लार्क ने कहा, ‘पहले टेस्ट के लिए चयन, बड़ी, बड़ी गलती. दूसरे टेस्ट में उन्होंने स्वीप किया, हमने पहले टेस्ट मैच में काफी स्वीप शॉट देखे थे. जब आप अपनी पारी शुरू करते हैं तो वे स्वीप करने के लिए सही समय नहीं होता.’ कम उछाल वाली पिच पर ऑस्ट्रेलिया के आधे बल्लेबाज स्वीप या रिवर्स स्वीप करते हुए आउट हुए. क्लार्क ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके आसपास कितने सहयोगी कर्मचारी हैं, आप ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल रहे हैं. निश्चित रूप से उच्चतम स्तर पर खेलने वाले बल्लेबाज के रूप में, आप जोखिम बनाम इनाम की गणना करते हैं.’


200 रन बनाते तो मैच जीत सकते थे


क्लार्क ने यह भी कहा कि स्पिन की अनुकूल परिस्थितियों में बल्लेबाजी कैसे की जाती है यह ऑस्ट्रेलिया को भारत से सीखना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हम भारत को बल्लेबाजी करते हुए नहीं देख रहे हैं. माना ये लोग परिस्थितियों को इतनी अच्छी तरह से जानते हैं और इसी के अनुसार वे खेल रहे हैं. जब वे इतने अच्छे रहे हैं तो हम कुछ अलग करने की कोशिश क्यों करेंगे?’ इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘अगर हम 200 रन बनाते तो मैच जीत सकते थे. हमारा स्कोर एक विकेट पर 60 रन था.’ 


टेस्ट मैच में ढाई दिन बाकी थे


ऑस्ट्रेलिया ने अपने अंतिम नौ विकेट 52 रन जोड़कर गंवाए. भारत को 115 रन का लक्ष्य मिला जो उसने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया. क्लार्क ने रविवार को पैट कमिंस के क्षेत्ररक्षकों को सजाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन नहीं है कि हमारी रणनीति के साथ क्या हुआ. हमारे पास सिर्फ 100 रन थे. एक समय में कमिंस के पास बाउंड्री पर चार खिलाड़ी थे. टेस्ट मैच में ढाई दिन बाकी थे. आप या तो भारत को सौ से कम पर आउट कर रहे हैं या आप हार रहे हैं.’


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