IND VS ENG: टीवी पर ही लड़ने लगे Sunil Gavaskar-Nasser Hussain, विराट सेना की वजह से हुआ विवाद
भारत और इंग्लैड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच से पहले भारत के पूर्व स्टार बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (Nasser Hussain) के बीच झड़प देखने को मिली.
नई दिल्ली: टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट खेला जा रहा है. लॉर्ड्स के मैदान पर दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम ने मेजबान को 151 रनों से करारी शिकस्त दी थी. जिसके बाद फैंस को विराट सेना से काफी उम्मीदें थी जो पहली पारी में टीम इंडिया के प्रदर्शन से धुल गई.
हालांकि इस तीसरे मैच से शुरू होने से पहले भारत के पूर्व स्टार बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (Nasser Hussain) के बीच जमकर बहस हुई.
पहले नासिर हुसैन ने ऐसे उड़ाया था मजाक
लीड्स के मैदान तीसरा मैच शुरू होने से पहले एक शो पर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) और नासिर हुसैन (Nasser Hussain) मौजूद थे. डेली मेल से बात करते हुए नासिर हुसैन ने कहा था कि पहले के जमाने की भारतीय टीम को उकसाने (बुली) पर परेशान किया जा सकता था लेकिन विराट कोहली की टीम दोगुनी क्षमता से उकसाने का जवाब देती है.
गावस्कर ने करारा जवाब
अब मैच से पहले सोनी टीवी के लिए लाइव प्रोग्राम के दौरान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने नासिर हुसैन (Nasser Hussain) से पूछा, ‘आपने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम पहले की जनरेशन की तर्ज पर मैदान पर छींटाकशी से परेशान नहीं होती है. मैं पहले वाली पीढ़ी से आता हूं। क्या आप बता सकते हैं कि आप किस पीढ़ी की बात कर रहे हैं? और मजाक उड़ाने का सही मतलब क्या है’.
गावस्कर की इस बात का जवाब देते हुए नासिर हुसैन (Nasser Hussain) ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पहले की भारतीय टीम मैदान पर गुस्सा नहीं दिखाती थी. विराट कोहली की टीम ऐसी परिस्थिति में दोगुनी मजबूत हो जाती है. मैंने सौरव गांगुली को कभी-कभी गुस्से में देख है उन्होंने इसकी शुरुआत की थी और विराट कोहली इसे आगे बढ़ा रहे हैं’.
गावस्कर लगाई हुसैन की क्लास
इसपर गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने जवाब दिया, ‘आप कहते हैं कि पहले की जनरेशन मैदान पर उकसाने पर तंग हो जाती थी . अगर आप रिकॉर्ड्स पर नजर डालें तो 1971 में हम जीतें. ये मेरा इंग्लैंड का पहला दौरा था. 1974ए 1979 और 1982 में हमें हार झेलनी पड़ी. इसके बाद 1986 में हम 2-0 से जीते. मुझे नहीं लगता कि मेरी नजरेशन के खिलाड़ी उकसाने से परेशान हुए’. मुझे नहीं लगता कि उग्रता हमेशा विरोधी टीम के खिलाफ आपके चेहरे पर नजर आनी चाहिए. आप अपना जुनून दिखा सकते हो’.