नई दिल्ली: पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने जूनियर सेलेक्शन कमेटी के चैयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया. बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने यह जानकारी दी. प्रसाद का यह इस्तीफा टीम द्वारा अंडर-19 विश्वकप जीतने के एक माह से भी कम समय के भीतर आया है. प्रसाद ढाई साल से इस पद पर थे. पिछले कुछ समय से वेंकटेश और बीसीसीआई के अधिकारियों में मनमुटाव चल रहा था. माना जाता है कि प्रसाद ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा है कि वह 'कॉन्फ्लेक्ट ऑफ इंटरेस्ट' में नहीं आना चाहते.  


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बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुंबई से बताया, "यह अभी तक स्पष्ट नहीं है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि वह आईपीएल फेंचाइजी को ज्वॉइन करने वाले हैं. यही वजह है कि वह संभावित 'कॉन्फ्लेक्ट ऑफ इंटरेस्ट' को टालना चाहते हैं. जब बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना से इस बारे में प्रतिक्रिया ली गई तो उनका कहना था, "मैंने उसे काफी समझाने की कोशिश की लेकिन ऐसा लगता है कि वह फैसला कर चुका था. उनमें प्रतिभा की पहचान करने की शानदार काबिलियत है. विश्व चैंपियन बनने वाली जूनियर टीम के चयन में उनका योगदान सराहनीय रहा है." 


2016 में, उन्हें सीनियर सिलेक्शन कमेटी का चेयरमैन बनाया जाना था लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें जूनियर पैनल पर अपनी सेवाएं देने को कहा था. दिलचस्प बात यह है कि प्रसाद ने छह राष्ट्रीय चयनकर्ताओं (तीन सीनियर और तीन जूनियर) में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेले है. प्रसाद ने 33 टेस्ट और 161 एकदिवसीय खेले है जो बाकी चयनकर्ताओं के कुल मैचों से भी अधिक है.


हाल ही में, भारतीय जूनियर टीम ने अंडर-19 विश्वकप जीता थी लेकिन चयन समिति को बीसीसीआई की ओर से कोई ईनाम नहीं दिया गया जबकि सीनियर चयन समिति को बीसीसीआई ने चैंपियन ट्रॉफी हारने के बावजूद भी मोटी रकम दी थी. कई लोगों का मानना है कि प्रसाद का वरिष्ठ पदाधिकारी से इसी मुद्दे पर विवाद हो गया था जिसकी वजह से जूनियर चयन समित को कोई रिवॉर्ड नहीं दिया गया.