जब आप ये खबर पढ़ रहे होंगे तब भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैच शुरू होने वाला होगा या शुरू हो चुका होगा या क्या पता आप लेट हों तो दोनों टीमों में से कौन वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची इसका भी पता चल गया होगा। अगर भारत ने 2019 का बदला चुका लिया तो ये सवल और तीखे होंगे। दुनिया भर के एक्सपर्ट भारत को घेरने की कोशिश करेंगे। अगर मैदान में हरा नहीं पा रहे तो पिच को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है। हाहाकार तो वानखेड़े की पिच को लेकर भी मच उठा है। कोई सूत्र बता रहा है कि कथित तौर पर बीसीसीआई ने इशारा किया और क्यूरेटर ने पिच पर बची खुची घास काट टाली। ब्रैड हैडिन जैसे प्लेयर्स का कहना है कि भारत जानबूझ कर स्लो पिच चाहता है। रेडियो होस्ट गेरार्ड व्हाटली तो फट पड़े - नो, नो .. ये इंटरनेशनल टूर्नामेंट है कोई दो देशों की सीरीज नहीं कि आप अपने हिसाब से पिच बनाने लगें। मुझे लगता है कि भारत ने भारत में जीतने के लिए पिच बनाया है।


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तरस आती है ऐसे कुतर्कों पर। डरबन और पर्थ में कौन पिच बनवाता है। चाहे आईसीसी वर्ल्ड कप हो या द्विपक्षीय सीरीज। हम या तो हारते हैं या जीत जाते हैं। पिच का रोना नहीं रोते। हां, हम अपने बैट्समैन की खूब खबर लेते हैं। उनकी टेकनीक पर लानत देते हैं। घर में धूल उड़ाती पिचों पर तो खूब छक्के मारते हो , फिर विदेशी पिचों पर क्या हो जाता है? इसलिए भारत को कोसो मत। हमारी टीम लगातार नौ मैच जीत कर दहला मारने जा रही है। न्यूजलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने सिर्फ भारत से मैच नहीं जीते। इसी वर्ल्ड कप में उन्होंने दूसरे देशों को भी हाराया है तब तो पिच पर सवाल नहीं उठा। इसलिए सवाल उठाने का मतलब होगा पाकिस्तानियों की तरह चुटकुले का पात्र बनना। कुछ पाकिस्तानियों ने ये दावा किया कि भारतीय बोलर जब बोलिंग करते हैं तो बॉल बदल दी जाती है।


यहां तक कि अहमदाबाद में होने वाले फाइनल की पिच पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आईसीसी पैच कंसल्टेंट एंडी एटकिंसन का कोई ई-मेल लीक हुआ है। इसमें उन्होंने कहा है कि फाइनल में उसी पिच पर खेला जाएगा जिस पर दो मैच हो चुके हैं। ये भी कहा जा रहा है कि भारत-पाकिस्तान मैच पिच नंबर पांच पर हुआ था लेकिन बताया गया कि पिच नंबर पांच पर हुआ है। अब एटकिंसन को लगता है कि फाइनल के लिए पिच नंबर का सेलेक्शन भारत अपने हिसाब से कर सकता है। डेली मेल का दावा है कि गुजरात क्रेकिट एसोसिएशन ने पिच में बदलाव किए लेकिन जीसीए का कहना है कि बीसीसीआई के कहने पर ऐसा किया गया।


इन दावों में कोई तुक नहीं है। और है भी तो बेमतलब। पिच कोई भी हो आ जाओ मैदान में। हमारे पास स्पिनर भी हैं और आग उगलती गेंदों के साथ शमी, सिराज और बुमराह की तिकड़ी भी। ये तथ्य ही इस मिथ्या की धज्जियां उडाता है कि हम स्लो पिच चाहते हैं।