INDvsSA: 5 क्रिकेटर जो सीरीज का रुख मोड़ने की रखते हैं ताकत
टीम इंडिया लिए तो 2017 बेहद शानदार रहा है. `विराट सेना` इस कोशिश में हैं कि विदेशी जमीन पर भी अपनी काबिलियत साबित करें.
नई दिल्ली: श्रीलंका के साथ तीन मैचों की टी-20 सीरीज खत्म होने के बाद टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए रवाना होगी. दक्षिण अफ्रीका में पांच जनवरी से टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी. यहां भारत को तीन टेस्ट, 6 वनडे और 3 टी-20 मैच खेलने हैं. 17 महीने के बाद भारत विदेशी जमीन पर मैच खेलेगा. टीम इंडिया में कुछ खिलाड़ी तो टीम में ऐसे हैं जो अपने करियर में पहली बार दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं. इस सीरीज में उम्मीद की जा रही है कि डेल स्टेन और एबी डिविलियर्स की वापसी होगी.
हालांकि, इन दोनों खिलाड़ियों के खेल पाने को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. लेकिन इन दोनों की अनुपस्थिति में भी दक्षिण अफ्रीका एक मजबूत टीम है. साथ ही टीम इंडिया लिए तो 2017 बेहद शानदार रहा है. 'विराट सेना' इस कोशिश में हैं कि विदेशी जमीन पर भी अपनी काबिलियत साबित करें.
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दोनों ही टीमों के पास शानदार खिलाड़ी हैं, यहां हम उन पांच खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जो सीरीज में निर्णायक साबित हो सकते हैं:
डीन एल्गर: 2017 में दक्षिण अफ्रीका के डीन एल्गर सबसे ज्यादा भरोसेमंद खिलाड़ी साबित हुए हैं. इस कैलेंडर ईयर में वह दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडी रहे हैं. 30 वर्षीय बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2017 में 11टेस्ट में 54.85 की औसत से 1097 रन बनाए हैं. इनमें 5 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं. दक्षिण अफ्रीका में खेलते हुए एल्गर ने 20 टेस्ट में 6 शतक और 4 अर्धशतकों के साथ 1460 रन बनाए हैं. उनका औसत 56.15 रहा है. उनकी पिछली आठ पारियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वह कितने मजबूत बल्लेबाज हैं. उनके 8 पारियों के स्कोर इस प्रकार रहे हैं, 113, 18, 119, 27, 55,129, 52 और 45. सीरीज की शुरुआत अहम होगी क्योंकि एल्गर ने पिछले 12 माह में यह दिखाया है कि उनमें धैर्य है और वे तकनीकी रूप से समर्थ बल्लेबाज हैं. वह चाहेंगे कि 2018 की शुरुआत शानदार ढंग से की जाए.
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चेतेश्वर पुजारा: आधुनिक क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा को तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाजों में सबसे ऊपर स्थान दिया जाता है. पिछले कुछ सालों से पुजारा लगातार टीम इंडिया में एक विशेषज्ञ टेस्ट खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं. 2017 में पुजारा ने 11 टेस्ट खेलते हुए 67.05 की औसत से 1140 रन बनाए हैं. इनमें 4 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं. 2017 में वह टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं. राजकोट के 29 वर्षीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2 टेस्ट में 70 की औसत से 280 रन बनाए हैं. इनमें एक बड़ा शतक भी शामिल है. विदेशी परिस्थितियों में वह भारत के सबसे जिम्मेदार बल्लेबाज माने जाते हैं. उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी. दक्षिण अफ्रीका में भारत की सफलता में पुजारा एक अहम खिलाड़ी होंगे.
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हाशिम अमला: क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में बेपनाह रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं हाशिम अमला. नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए अमला अफ्रीकी टीम को स्थायित्व देते हैं. 34 वर्षीय अमला ने 2017 में 11 टेस्ट मैचों में 942 रन बनाए हैं. इनमें 3 शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं. टेस्ट क्रिकेट में अमला का औसत 50 है. घरेलू मैदान पर अमला का औसत शानदार रहा है. सुपर स्पोर्ट में 80.13, न्यूलैंड में 48 और जोहान्सबर्ग में 55. दक्षिण अफ्रीका में खेली पिछली 4 पारियां बताती हैं कि अमला घरेलू मैदान पर कितने खतरनाक साबित होते हैं. उनका स्कोर इस प्रकार रहाः 132, 28, 137 और 134. लंबे समय तक क्रीज पर टिके रहना इस आक्रामक दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी क्रम के लिए सफलता की कुंजी होगी. यदि अमला को जल्दी आउट नहीं किया गया तो वह भारतीय टीम को बुरी तरह पराजय की ओर ले जाएगा.
विराट कोहली: पिछले 18 महीनों में विराट ने छह दोहरे शतक लगाए हैं. कुछ सालों में ही कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में उभरे हैं. 2017 उनके लिए शानदार रहा है. उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ सीरीज जीती हैं. विराट कोहली ने 2017 में 10 टेस्ट में 1059 रन बनाए हैं. उनका औसत 75.64 का रहा है. इनमें 3 दोहरे शतक, दो शतक और एक अर्धशतक शामिल है. उनकी पिछली चार पारियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि रनों की कितनी भूख है इस खिलाड़ी हैं. टेस्ट में उनकी पिछली चार पारियों के स्कोर इस प्रकार हैं: 50, 243, 213 और नाबाद 104. विराट कोहली का दक्षिण अफ्रीका का यह दूसरा दौरा होगा. टीम इंडिया के कप्तान कोहली के पहले दौरे के स्कोर इस प्रकार थेः 119, 96, 46 और 11. उनका औसत था 68. कोहली दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी को ध्वस्त करने में ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं. उनकी कप्तानी का भी असली टेस्ट दक्षिण अफ्रीका में ही होना है. कोहली इस सीरीज में कैसे इस दबाव को झेलेंगे यह आने वाला समय ही बताएंगे.
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कगिसो रबाडा: युवा, तेज और जानलेवा. कगिसो रबाडा को परिभाषित करने के लिए इससे बेहतर कोई शब्द नहीं हो सकते. बल्लेबाजों के लिए दुःस्वप्न साबित होने वाले रबाडा ने पिछले 12 महीनों में दक्षिण अफ्रीका के लिए लगातर शानदार परफोर्म किया है. 2017 में रबाडा ने टेस्ट मैचों में 54 विकेट लिए हैं. उनका औसत 20,96 का रहा है. घरेलू परिस्थितियों में उनका यही औसत 18.10 है. डेल स्टेन की अनुपस्थिति में 22 वर्षीय रबाडा ने 2017 में शानदार गेंदबाजी की है. इसकी बदौलत दक्षिण अफ्रीका बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और श्रीलंका से सीरीज जीत पाया. पेस और बाउंस भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी रही है. रबाडा इसी तरह का गेंदबाज है. भारत को सेंचुरियन और केप टाउन में की पिचें बाउंसी पिचें हैं. यहां रबाडा भारतीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना पसंद करेंगे. रबाड़ा में यह क्षमता है कि वह अकेले दम पर ही दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट सीरीज जितवा सकते हैं.