INDvsAUS: वर्ल्ड कप के लिए अच्छा नहीं है विराट कोहली का यूं बार-बार आउट होना...
विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद में खेले गए वनडे में 44 रन बनाकर आउट हुए.
नई दिल्ली: इस बात में कोई शक नहीं कि विराट कोहली (Virat Kohli) मौजूदा समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं. वे सिर्फ भारत के कप्तान ही नहीं हैं, बल्कि विश्व कप के लिए देश की सबसे बड़ी उम्मीद भी हैं. लेकिन आजकल वे जिस तरीके से और जिस स्कोर पर आउट हो रहे हैं, वह टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है. उनका इस तरीके से आउट होना टीम इंडिया की विश्व कप (World Cup 2019) की उम्मीदों पर पानी भी फेर सकता है.
विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (India vs Australia) शनिवार (2 मार्च) को 44 रन की बेहतरीन पारी खेली. वे ओपनर शिखर धवन (0) के आउट होने के बाद क्रीज पर आए. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज सटीक गेंदबाजी कर रहे थे और रन बनाना आसान नहीं था. यहां तक कि ‘हिटमैन’ रोहित शर्मा भी झिझकते हुए शॉट लगा रहे थे. दूसरी ओर, कोहली पूरी लय में थे. उन्होंने रोहित से भी तेजी से रन बनाए. कोहली अर्धशतक के करीब पहुंचकर लेग स्पिनर एडम जैम्पा की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए. उन्होंने 45 गेंद पर 44 रन बनाए.
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क्रिकेट को करीब से देखने वाले जानते हैं कि विराट कोहली एक बार जब अच्छी शुरुआत कर लेते हैं, तो आसानी से विकेट नहीं देते. लेकिन यह तो इतिहास है. ये तो वे आंकड़े हैं, जो कोहली को महानता की ओर ले जाते हैं. फिलहाल विराट के खेल में एक ऐसा ट्रेंड दिख रहा है, जो चिंता पैदा करता है. यह ट्रेंड जमने के बाद विकेट गंवाने का है. विराट ने पिछली लगातार पांच पारियों में 40 रन का आंकड़ा पार किया है और वे इनमें से एक भी पारी में 60 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सके हैैं.
विराट कोहली के 11 साल के करियर में यह पहला मौका है, जब उन्होंने लगातार इतनी पारियों में अच्छी शुरुआत की, लेकिन बड़ा स्कोर नहीं बना सके. कोहली वनडे करियर में सिर्फ 11 बार 40 से 49 के स्कोर के बीच आउट हुए हैं. इनमें से चार मौके 2019 में ही देखने को मिले हैं. यह किसी भी एक साल में सबसे अधिक है. इससे पहले वे 2012 में तीन बार 40 से 49 के स्कोर के बीच आउट हुए थे. साल 2017 में वे एक भी बार 40-49 के बीच आउट नहीं हुए. साल 2018 में दो बार ऐसा हुआ. अगर 2019 में चार बार ऐसा हो गया है, तो चिंता होना लाजिमी है.
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विराट कोहली 223 वनडे मैचों में 39 शतक बना चुके हैं. सिर्फ सचिन तेंदुलकर (49) ही उनसे ज्यादा वनडे शतक लगा सके हैं. यह तो वे व्यक्तिगत रिकॉर्ड के आंकड़े हैं, जो विराट को ऊंचाइयों पर ले जाते हैं. टीम पर इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. फर्क पड़ता है उनकी बड़ी-बड़ी पारियों से. हर भारतीय क्रिकेटप्रेमी चाहता है कि वे बड़ी पारियां खेलें. अगर वे ऐसा करेंगे, तभी भारत विश्व कप जीतने की उम्मीद कर सकता है. यकीनन, कोहली भी इस पर काम कर रहे होंगे. पूरा भरोसा है कि वे इसे कमजोरी नहीं बनने देंगे.
क्रिकेटप्रेमियों को याद होगा कि विराट कोहली 2015 के विश्व कप में अच्छी शुरुआत के बाद आउट ऑफ फॉर्म हो गए थे. उनके बल्ले से ज्यादा रन नहीं निकले थे और भारत का सफर सेमीफाइनल में ही थम गया था. ऐसे में हम यही उम्मीद और दुआ कर सकते हैं कि विराट विश्व कप से पहले अपने उसी सुप्रीम फॉर्म में लौट आएं, जैसे वे 2016-18 के बीच में थे.