नई दिल्ली: दिल्ली का फिरोजशाह कोटला स्टेडियम. सभी खिलाड़ी मैच शुरू होने से करीब डेढ़ घंटे पहले मैदान पर पहुंचते हैं. करीब एक घंटे वार्मअप और प्रैक्टिस करते हैं. इसी बीच टॉस होता है. दिल्ली की टीम टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनती है. इसके बाद दोनों टीमों के सारे खिलाड़ी आखिरी तैयारी के लिए डगआउट चले जाते हैं. लेकिन एक खिलाड़ी डगआउट नहीं लौटता. वह लगातार गेंदबाजी प्रैक्टिस करता रहता है. पहले पिच के करीब और फिर मैदान के बाउंड्री लाइन के करीब. कोई आश्यर्च नहीं कि उसकी यह तैयारी मैच में नजर आती है और वह सटीक गेंदबाजी विरोधी टीम पर नकेल कसने में अहम भूमिका निभाता है.   


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हम बात कर रहे हैं चेन्नई के तेज गेंदबाज दीपक चाहर की. 26 साल का यह खिलाड़ी अब तक सिर्फ दो इंटरनेशनल मैच खेले हैं. स्विंग गेंदबाजी के लिए पहचाने जाने वाले दीपक चाहर टीम इंडिया में प्रवेश के लिए मजबूती से दस्तक दे रहे हैं. जाहिर है वे कम से कम तैयारी के स्तर पर कोई कसर नहीं रखना चाहते. इसीलिए जमकर मेहनत कर रहे हैं. 


दीपक की स्विंग बॉलिंग पर चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी को भी पूरा यकीन है. इसीलिए उन्होंने दीपक को मैच का पहला ओवर फेंकने की जिम्मेदारी दी. आगरा के दीपक ने अपने चार ओवर के स्पेल में सिर्फ एक विकेट लिया. लेकिन उनके इस प्रदर्शन को आंकड़ों से परख पाना मुश्किल है. वजह, उन्होंने जिन परिस्थितयों में बॉलिंग की, वह टी20 क्रिकेट में सबसे मुश्किल मानी जाती है. 


दरअसल, दीपक चाहर ने मैच में लगातार चार ओवर किए. इनमें से तीन ओवर पावरप्ले में थे. इस दौरान दिल्ली के पृथ्वी शॉ बेहतरीन बैटिंग कर रहे थे. उन्होंने महज 16 गेंदों पर 24 रन बनाए. एक समय ऐसा लग रहा था कि पृथ्वी शॉ चेन्नई पर दबाव बना सकते हैं. लेकिन दीपक ने इससे पहले ही उन्हें मिडविकेट पर वॉटसन के हाथों कैच करवा दिया. दीपक विकेट लेने के बाद वैसे ही कूल दिखे,जैसे उनके कप्तान हैं. वे विकेट लेने के बाद चुपचाप खड़े हो गए. चेहरे पर भी जश्न का कोई भाव नहीं था. उन्हें मालूम था कि यह उनका मौजूदा आईपीएल में पहला विकेट है और उन्हें अभी बहुत आगे जाना है. दीपक ने लीग के उद्घाटन मैच में बेंगलुरू के खिलाफ चार ओवर में सिर्फ 17 रन दिए थे. 


दीपक चाहर ने कुल मिलाकर अपने चार ओवर के स्पेल में महज 20 रन दिए. उनका इकोनॉमी रेट पांच रहा. दीपक की सटीक गेंदबाजी का अंदाज इसी बात से लगाया उन्होंने 24 में से 12 गेंदों पर एक भी रन नहीं दिया. दीपक की गेंद पर दो चौके लगे. इनमें से एक चौका तो धवन के बल्ले से बाहरी किनारे के तौर पर निकला. यानी, यह एक अच्छी गेंद थी. दीपक ने अपने स्पेल में सिर्फ एक कमजोर गेंद फेंकी. यह गेंद लेग स्टंप पर फुललेंथ थी, जिस पर पृथ्वी ने चौका जमाया.