Sarfaraz Khan: `पिता कहते हैं मियांदाद जैसी बल्लेबाजी...`, सरफराज ने सुनाई `असली हीरो` और कड़े संघर्ष की कहानी
India vs England Test Series: इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए टीम इंडिया के स्क्वॉड में मौका मिलने के बाद सरफराज खान ने अपने कड़े स्ट्रगल को लेकर बात की है. उन्होंने अपने पिता को असली हीरो बताया और कहा कि विव रिचर्ड्स, विराट कोहली और एबी डिविलियर्स की लिस्ट में शामिल होना उनका लक्ष्य है.
Sarfaraz Khan: घरेलू क्रिकेट में बनाए ढेरों रनों ने सरफराज खान के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का दरवाजा खोल दिया है, लेकिन इस बल्लेबाज का मानना है कि सीखना हमेशा जारी रहता है. वह विराट कोहली, विव रिचर्ड्स और जावेद मियांदाद जैसे दिग्गजों की सूची में जगह बनाना चाहते हैं. चोट के चलते केएल राहुल और रविंद्र जडेजा के बाहर होने के बाद सरफराज को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया. देखने वाली बात होगी कि उन्हें डेब्यू का मौका मिलता है या नहीं. मुकाबले से पहले सरफराज खान ने अपने स्ट्रगल के बारे में बात की और अपने यहां तक के सफर में पिता की अहम भूमिका के बारे में भी बताया.
पिता कहते हैं मियांदाद जैसी बल्लेबाजी...
मुंबई के इस बल्लेबाज ने सीखने की अपनी प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा, 'मुझे विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, सर विवियन रिचर्ड्स की बल्लेबाजी देखना पसंद है. यहां तक कि जावेद मियांदाद की भी, क्योंकि मेरे पिता कहते हैं कि मैं उनकी तरह बल्लेबाजी करता हूं. मैं जो रूट की बल्लेबाजी भी देखता हूं. सरफराज ने कहा, 'जो भी सफल हो रहा है, मैं उन्हें खेलते हुए देखता हूं कि वे ऐसा कैसे कर रहे हैं जिससे कि मैं सीख सकूं और इसे लागू कर सकूं. मैं भविष्य में रणजी ट्रॉफी खेलूं या भारत के लिए खेलूं, मैं ऐसा करना जारी रखना चाहता हूं.'
पिता असली हीरो
सरफराज की नजर में उनके जीवन के असली हीरो उनके पिता नौशाद अहमद हैं, जिन्होंने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए खूब मेहनत की है. सरफराज ने इस पर कहा, 'मेरे पिता ने मुझे क्रिकेट से जोड़ा और मैं हमेशा सोचता था कि मैं क्यों खेल रहा हूं. मैं एक आक्रामक बल्लेबाज हूं और मैं दूसरों की तुलना में जल्दी आउट हो जाता था और बड़ी पारियां खेलना मुश्किल हो रहा था. दूसरों को सफल होते देखना निराश था. मैं रन नहीं बना पा रहा था. लेकिन मेरे पिता हमेशा कड़ी मेहनत में विश्वास करते थे और मेरे पास जो कुछ भी है वह उसी काम का परिणाम है.'
2015-16 में सेलेक्टर्स ने चुना
2015-2016 के घरेलू सीजन में अंडर -19 मैच के दौरान मुंबई के सेलेक्टर्स के साथ दिक्कत में पड़ने के बाद सरफराज ने उत्तर प्रदेश के लिए खेलने का विकल्प चुना. सरफराज ने कहा कि उनके पिता उन्हें बल्लेबाजी करते देखने के लिए उत्तर प्रदेश या जहां भी टीम खेलती थी वहां जाते थे. उन्होंने बताया, 'यहां तक कि जब मैं मुंबई से उत्तर प्रदेश चला गया तब भी वह मुझसे मिलने के लिए फ्लाइट से आते थे. चयन ट्रायल से पहले वह छत या सड़क पर ही मुझे गेंदबाजी करना शुरू कर देते थे. अब मुझे उन प्रयासों के प्रभाव और महत्व का अहसास हुआ है.'
'हर दिन 500-600 गेंदें खेलता हूं'
उत्तर प्रदेश के साथ दो सीजन बिताने के बाद सरफराज ने मुंबई लौटने का फैसला किया. इस 26 वर्षीय बल्लेबाज ने माना कि यह उनके लिए मुश्किल लम्हा था. सरफराज ने 45 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 69.85 की औसत से 3912 रन बनाए हैं जिसमें 14 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं. उनका औसत भी 70.48 का है जो उन्हें बाकी बल्लेबाजों से अलग बनाता है. सरफराज से जब उनके प्रदर्शन में निरंतरता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरी ताकत यह है कि मैं आसानी से संतुष्ट नहीं होता. मैं हर दिन 500 से 600 गेंद खेलता हूं. अगर मैं एक मैच में कम से कम 200 से 300 गेंद नहीं खेल पाता तो मुझे लगता है कि मैंने कुछ खास नहीं किया. अब तो आदत हो गई है.' उन्होंने कहा, 'अगर आप टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो आपको धैर्य रखना होगा और हर दिन अभ्यास करना होगा. मैं पूरे दिन क्रिकेट खेलता हूं और यही कारण है कि मैं लंबे समय तक पिच पर रह सकता हूं.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)