नई दिल्ली : 90 के दशक में टीम इंडिया में विकेटकीपर के तौर पर एक ही चेहरा होता था, और वह थे नयन मोंगिया. भले उनके नाम पर क्रिकेट में कोई बहुत बड़ा रिकॉर्ड न हो, लेकिन वह लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए विकेट के पीछे अपनी सेवाएं देते रहे. अपने लंबे क्रिकेट करिअर में नयन मोंगिया ने भारत की ओर से 44 टेस्ट मैच और 140 वनडे मैच खेले. अब उनकी ही तरह उनका बेटा भी क्रिकेटर के तौर पर एंट्री लेने को तैयार है. लेकिन उनका बेटा विकेट कीपर नहीं बना. इसके पीछे बड़ा कारण ये भी है कि खुद नयन नहीं चाहते थे कि उनका बेटा विकेट कीपर बने. नयन के बेटे का नाम मोहित है और वह लेफ्ट आर्म स्पिनर है.


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मोहित ने कोच विनीत वाडेकर से स्लो-लेफ्ट-आर्म बॉलिंग सीखी है.  अपने रोल पर मोहित का कहना है कि उसके पिता ने बताया था कि विकेटकीपिंग की ज्यादा कद्र नहीं होती. साथ ही मोहित को खुद भी शुरू से ही लगता था कि वह विकेटों के पीछे खड़े होने के लिए क्रिकेटर नहीं बना है.  इसलिए उसने क्रिकेट में अपने पिता से उलट रास्ता चुना.


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टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मोहित ने कहा, पिताजी ने हमेशा मुझसे कहा था कि विकेटकीपिंग ऐसी कला है, जिसकी कभी तारीफ नहीं होती. मैंने भी इस बात को समझा है कि मैं विकेटकीपर बनने के लिए नहीं बना हूं. इसलिए जब मेरे कोच ने मुझे सलाह दी कि मैं लेफ्ट-आर्म स्पिन फेंकूं, तो मैं फौरन तैयार हो गया.


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जब बेटे के बारे में नयन मोंगिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा, वह अच्छी गेंदबाजी कर रहा था. बल्ले से भी वह कमाल कर रहा है. मुझे और उसके कोच वाडेकर को इस बात का पूरा भरोसा हो गया कि अब मोहित अपनी बैटिंग को गंभीरता से लेना लगा है.