Pakistan in World Cup 2023: पाकिस्तान क्रिकेट टीम का प्रदर्शन तो वर्ल्ड कप (World Cup-2023) में उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन उसके बहानेबाजी खूब चल रही है. अब पाकिस्तान क्रिकेट टीम के निदेशक ने भारत में मिल रही टाइट सिक्योरिटी को ही बहाना बना लिया है. इतना ही नहीं, ये तक कह दिया कि खिलाड़ियों को कोविड-काल जैसा लग रहा है. पाकिस्तान ने अभी तक 7 में से 3 मैच जीते हैं जबकि 4 में उसे हार झेलनी पड़ी.


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सिक्योरिटी को ही बनाया बहाना


पाकिस्तान क्रिकेट टीम के निदेशक मिकी आर्थर (Mickey Athur) ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा वर्ल्ड कप (ODI world Cup-2023) में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी एक बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ी होटल के कमरों तक ही सीमित रह गए हैं. पाकिस्तान अपने सात में से चार मैच हार चुका है और सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए उसे बाकी दोनों मैच अच्छे अंतर से जीतने होंगे. टीम शनिवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में उतरेगी.


'जैसे फिर से कोविड'


आर्थर ने मैच से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारे लिए सबसे मुश्किल स्थिति यह है कि हम कड़ी सुरक्षा के बीच हैं और सच कहूं तो मुझे ये मुश्किल हालात लगे. ये लगभग वैसा ही है जैसे हम फिर से कोविड काल में आ गए हैं. आप यहां होटल में अपनी मंजिल और अपनी टीम के कमरे तक ही सीमित रहते हैं. सुरक्षा इतनी कड़ी है कि हमारा नाश्ता भी दूसरों से अलग कमरे में होता है.’


'ये तो दमघोंटू जैसा है'


आर्थर ने कहा कि इतने लंबे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ी आपस में घुलने-मिलने में असमर्थ रहे है और इसने उन पर गहरा प्रभाव डाला है. उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाड़ियों को आजाद होकर खेलते रहने की आदत है. इस दौरे पर वह अपनी मर्जी से बाहर निकलने और अलग-अलग जगहों पर जाने सक्षम नहीं रहे है. यह कठिन और दमघोंटू जैसा है.’ दोनों देशों के बीच के इतिहास और कूटनीतिक तनाव को देखते हुए भारत में पाकिस्तानी टीम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. जिन होटलों में पाकिस्तानी दल रुकता है, वहां किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 24 घंटे निगरानी रखी जाती है. पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम (Babar Azam) हालांकि रविवार को कोलकाता में एक लंबी ड्राइव पर गए थे.


केवल 3 बार बाहर गए हैं


दक्षिण अफ्रीका के आर्थर ने कहा कि टीम ने होटल के अंदर ही खिलाड़ियों के मनोरंजन की कोशिश की है लेकिन यह बाहरी दुनिया के साथ वास्तविक मुलाकात इतना प्रभावी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘ये कुछ ऐसा है कि आप नाश्ता करने के बाद अगर प्रैक्टिस सेशन नहीं है तो वापस अपने कमरे में चले जाते हैं. हमने टीम रूम के अंदर छोटे-छोटे मनोरंजक टीम कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश की है लेकिन आप केवल इतना ही कर सकते हैं. मुझे लगता है कि वे लोग सिर्फ 3 बार बाहर गए हैं. हम सुरक्षा के साथ ऐसा करने में कामयाब रहे हैं, उन्हें एक अलग रेस्तरां में ले गए. हम चाहते है कि वे बाहरी दुनिया का लुत्फ उठाएं.’