Sydney Test के हीरो Ravichandran Ashwin की पत्नी Prithi Narayanan बोलीं, `मैं चाहती थी मेरी बेटियां इस पल की गवाह बने`
सिडनी टेस्ट (Sydney Test) में संयम भरी पारी खेलकर मैच ड्रॉ कराने वाले रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने पत्नी पत्नी प्रीति नारायणन (Prithi Narayanan) ने बताया कि उन्होंने अपनी दोनों बेटियों के साथ तीसरे टेस्ट के आखिरी दिन का मैच किस तरह देखा.
यादगार रहा मैच
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट बेहद यादगार रहा. ये मैच भारत के हाथों से निकलता जा रहा था, लेकिन हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने आखिर तक नॉट आउट रहते हुए मैच को ड्रॉ करा दिया.
धैर्यपूर्ण पारियों का कमाल
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के आउट होने के बाद हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने 161 गेंदों में 23 रन बनाए. इसके अवाला रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने 128 गेंदों में 39 रन की पारी खेली. विहारी और अश्विन के बीच 62 रनों की अहम पार्टनरशिप हुई.
अश्विन की पत्नी ने देखा मैच
अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने पत्नी पत्नी प्रीति नारायणन (Prithi Narayanan) ने बताया कि उन्होंने इस आखिरी दिन का मैच अपनी दोनों बेटियां आखिरा (Akhira) और आध्या (Aadhya) के साथ अपने होटल रूम से देखा.
बेटी ने कहा,ऑफिस मत जाओ पापा
प्रीति नारायणन ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे कॉलम मे बताया, 'मेरी साढ़े 4 साल की बेटी आध्या ने उस दिन सुबह अश्विन को दर्द से कराहते हुए देखा और बोली, 'पापा छोड़ दो न, आप इस दर्द में ऑफिस क्यों जा रहे हैं जब घर में ही आराम किया जा सकता है'. उसकी बातों से हमारे चेहरे पर मुस्कान आ गई.'
अश्विन बोले मैं खेलूंगा
प्रीति ने आगे कहा, 'मैंने उन्हें दर्द का सामना करते हुए हमेशा देखा है, लेकिन इससे पहले ऐसे हालात कभी नहीं आए. वो फर्श पर रेंग रहे थे. वो उठ और झुक नहीं पा रहे थे. मैं कल्पना नहीं कर पा रही थी कि वो आज कैसे खेलेंगे, लेकिन उन्होंने कहा मुझे खेलना होगा, मुझे ये करना होगा.'
शरारती हैं अश्विन की बेटियां
प्रीति ने बताया कि उनकी बेटिंया शरारती हैं इसलिए मैच से पहले की रात को वो अपने बच्चों के साथ अलग रूम में सोती है, ताकि अश्विन को आराम मिल सके. जब प्रीति ने अश्विन को दर्द में देखकर पूछा,'आप क्या करने जा रहे हैं.' इसके जवाब में अश्विन ने कहा,'मुझे नहीं पता कैसे, लेकिन मैं रास्ता निकाल लूगा, मुझे बस मैदान जाने दो.'
जब 5 ओवर बचे थे
प्रीति ने बताया कि जब मैच के आखिरी 5 ओवर बचे थे तब वो ये सोच रही थीं कि मैच खत्म क्यों नहीं हो रहा. वो हर गेंद को तब तक गिनती रहीं जब तक आखिरी ओवर न फेंका गया. प्रीति ने कहा, 'मैं अपने कमरे में खुशी से उछलने लगी और शोर मचाने लगी. मैं चाहती थी कि मेरी बेटिंयां भी इस पल में शामिल हों.'
ड्रॉ से खुश नहीं थी बेटियां
बेटियों ने अपनी मां प्रीति से पूछा, 'क्या हम जीत गए?' अश्विन की पत्नी ने हंसते हुए कहा, 'सिर्फ मेरी बेटियां ही ऐसी भारतीय होंगी जिन्हें ड्रॉ से खुशी नहीं हुई होगी. मुझे लगता है कि ये क्यूट लम्हा था. मैंने उन्हें बताया नहीं कि हमने मैच नहीं जीता. लेकिन आखिरकार ये जीत की तरह महसूस हो रहा था.'