जब PAK दिग्गज जावेद मियांदाद को जूता लेकर मारने दौड़े रवि शास्त्री, इस बात पर हुआ था विवाद
Ravi Shastri Birthday: रवि शास्त्री ने अपनी एक किताब ‘स्टारगेजिंग’ लॉन्च की थी, जिसमें उन्होंने अपने करियर के दौरान क्रिकेट के मैदान के अंदर और बाहर हुई घटनाओं पर बड़े-बड़े खुलासे किए हैं. रवि शास्त्री ने अपनी किताब में पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद से जुड़े एक वाकये का जिक्र किया है, जो बहुत कम लोग जानते हैं.
Ravi Shastri Birthday: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री आज यानी 27 मई को 60 साल के हो गए हैं. पिछले साल रवि शास्त्री ने अपनी एक किताब ‘स्टारगेजिंग’ लॉन्च की थी, जिसमें उन्होंने अपने करियर के दौरान क्रिकेट के मैदान के अंदर और बाहर हुई घटनाओं पर बड़े-बड़े खुलासे किए हैं. रवि शास्त्री ने अपनी किताब में पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद से जुड़े एक वाकये का जिक्र किया है, जो बहुत कम लोग जानते हैं.
भारत-पाकिस्तान मैच के बाद हुआ था विवाद
रवि शास्त्री ने खुलासा किया है कि एक बार उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद को जूता लेकर दौड़ा लिया था. ये घटना साल 1987 की है जब पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर थी. 20 मार्च को भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरा वनडे मुकाबला हैदराबाद के मैदान में खेला जा रहा था. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने रवि शास्त्री के 69 और कपिल देव के 59 रनों की बदौलत 44 ओवर में 212 रन बनाए थे. यह मुकाबला रोमांच से भरा हुआ था और पाकिस्तान की टीम को अतिंम गेंद पर जीत के लिए दो रन चाहिए थे. हालांकि, पाकिस्तान की टीम ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सकी और अब्दुल कादिर दूसरा रन लेने के चक्कर में रनआउट हो गए.
मियांदाद ने शास्त्री को दिलाया गुस्सा
भारत और पाकिस्तान का स्कोर बराबर रहा, लेकिन भारत ने छह और पाकिस्तान ने सात विकेट खोए थे. एक विकेट कम गिरने के चलते टीम इंडिया को विजेता घोषित किया गया. हार से बौखलाए जावेद मियांदाद चीखते हुए भारतीय ड्रेसिंग रूम में आए और बोले, 'तुम चीटिंग से जीते हो.'
जूता लेकर जावेद मियांदाद को बुरा दौड़ाया
ये सुनते ही रवि शास्त्री का खून खौल गया और वो जूता उठाकर मियांदाद के पीछे-पीछे पाकिस्तानी ड्रेसिंग रूम तक उन्हें मारने पहुंचे. पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करवाया. हालांकि, दोनों खिलाड़ियों ने इस मामले को ज्यादा नहीं बढ़ाया और इसे भुलाने में ही बेहतरी समझी. अगले मैच के लिए जब दोनों टीमें पुणे जा रही थी, तो दोनों खिलाड़ियों ने सभी गिला शिकवा दूर करते हुए एक साथ फ्लाइट में समय बिताया था.