IPL 2025 Auction : भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन का मानना है कि 'इम्पैक्ट प्लेयर' आईपीएल में एक रणनीतिक नियम है और अगर इसे समाप्त किया जाएगा तो एक दिलचस्पी भी समाप्त हो जाएगी. साथ ही अश्विन ने 'राइट टू मैच' को लेकर भी अपनी राय व्यक्त की. आईपीएल 2024 के दौरान खिलाड़ियों और कोच की तरफ से इम्पैक्ट प्लेयर नियम की खूब आलोचना हुई है, जिसमें भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल हैं. हालांकि, अश्विन इससे विपरीत सोच रखते हैं.


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क्या बोले अश्विन?


क्रिस श्रीकांत के यूट्यूब शो 'चीकी चीका' पर बात करते हुए अश्विन ने कहा, 'इम्पैक्ट प्लेयर का नियम उतना भी बुरा नहीं है, क्योंकि यह क्रिकेट में रणनीति जैसे तत्वों पर अधिक जोर देता है. हालांकि, इसका एक पक्ष यह भी है कि यह नियम ऑलराउंडर्स को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन ऐसा करने से किसी को कोई रोक भी नहीं रहा है. यह पीढ़ी ही ऐसी है कि कोई भी बल्लेबाज, गेंदबाजी नहीं करना चाहता और इसका उल्टा भी. ऐसा भी नहीं है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम से ऑलराउंडर्स प्रभावित हुए हैं. वेंकटेश अय्यर को ही देखिए, वह काउंटी क्रिकेट में लैंकशायर के लिए कमाल कर रहे हैं. इम्पैक्ट प्लेयर नियम क्रिकेट में एक नए प्रयोग का मौका देता है.'


IPL 2024 क्वालीफायर-2 का दिया उदाहरण


अश्विन ने इसी साल के आईपीएल 2024 क्वालिफायर-2 का उदाहरण देते हुए कहा, 'सनराइजर्स हैदराबाद ने शहबाज अहमद को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में लाया और वह तीन विकेट लेकर मैच विजेता साबित हुए. आईपीएल में जब ओस एक प्रभावी भूमिका निभाती है और मैच लगभग इकतरफा हो जाता है, तो इम्पैक्ट प्लेयर जैसा नियम गेंदबाजी का एक और विकल्प व खेल को बैलेंस देता है. जब आप एक एक्स्ट्रा खिलाड़ी खिलाते हैं तो मैच और करीबी हो जाता है.'


इम्पैक्ट प्लेयर से उभरे कई खिलाड़ी 


अश्विन ने कहा कि इस नियम के कारण ही शहबाज अहमद, शिवम दुबे और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी उभरे हैं और भारतीय टीम तक जगह बनाई है. उन्होंने कहा कि अगर यह नियम नहीं होता तो जुरेल जैसे खिलाड़ी को कभी मौका ही नहीं मिलता. इस नियम की वजह से ही नए खिलाड़ियों को जगह मिल रही है.


'राइट टू मैच' पर भी दिया बयान 


अश्विन ने यह भी कहा कि इस साल होने वाले मेगा एकशन के दौरान 'राइट टू मैच' ऑप्शन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर किसी फ़्रैंचाइज़ी को लगता है कि कोई खिलाड़ी उनके टॉप चार या पांच में नहीं है कि उन्हें रिटेन किया जाए तो ऑक्शन के दौरान उनको यह हक भी नहीं होता कि खिलाड़ी के खरीदे जाने के बाद वे अचानक से बीच में आ जाएं. यह ऑप्शन खिलाड़ियों को मिलना चाहिए कि क्या वह चाहते हैं कि राइट टू मैच का प्रयोग उन पर किया जाए या नहीं.'