Rishabh Pant: ऋषभ पंत के घर के सामने रेलवे ने गाड़ दिए दर्जनों पिलर, सामने आई ये बेहद चौंकाने वाली वजह
Team India: टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. दरअसल, टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋषभ पंत के उत्तराखंड के रूड़की शहर में स्थित उनके घर के सामने रेलवे ने तकरीबन दर्जनों पिलर गाड़ दिए हैं.
Rishabh Pant House: टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. दरअसल, टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋषभ पंत के उत्तराखंड के रूड़की शहर में स्थित उनके घर के सामने रेलवे ने तकरीबन दर्जनों पिलर गाड़ दिए हैं. टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में क्रिकेट खेलने वाले स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के घर के सामने रेलवे ने दर्जनों पिलर क्यों गाड़ दिए, इसको लेकर अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
ऋषभ पंत के घर के सामने रेलवे ने गाड़ दिए दर्जनों पिलर
बता दें कि रेलवे के द्वारा जब ऋषभ पंत के रूड़की स्थिति घर के सामने दर्जनों पिलर गाड़े जा रहे थे, तब वहां मौजूद रेलवे के अधिकारियों के सामने लोगों ने विरोध भी प्रकट किया, लेकिन इसके बावजूद रेलवे के अधिकारियों ने सख्ती दिखाते हुए पिलर गाड़ दिए. रेलवे के अधिकारियों ने ऋषभ पंत के घर के सामने पिलर गाड़ने के पीछे एक बड़ी वजह का खुलासा किया है. दरअसल, अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत रेलवे ने ऋषभ पंत के घर के सामने पिलर गाड़ दिए.
सामने आई ये बेहद चौंकाने वाली वजह
रेलवे के अधिकारियों ने ऋषभ पंत के घर के सामने पिलर लगाकर ये बताया कि ये जमीन रेलवे की है और इस जमीन पर अतिक्रमण किया गया था. रेलवे के अधिकारियों ने ऋषभ पंत के घर के सामने दर्जनों पिलर लगाकर यह चेतावनी भी दी है कि अगर ये पिलर्स हटाने की कोशिश की गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा रेलवे ने अपने कर्मचारियों को यहां पर निगरानी के लिए भी छोड़ दिया है.
रेलवे ने सख्त एक्शन लिया
बता दें कि रेलवे की इस जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था और अपनी पार्किंग बनाकर जमीन पर कब्जा भी करने लगे थे. इसी को रोकने के लिए रेलवे ने सख्त एक्शन लिया है. रेलवे के इस एक्शन की चपेट में ऋषभ पंत का घर भी आ गया है. पंत के घर और स्कूल के आगे रेलवे के अधिकारियों ने पिलर गाड़ दिए. रेलवे के वरिष्ठ खंड अभियंता ब्रज मोहन सिंह ने कहा कि कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद भी लोगों ने रेलवे की जमीन के ऊपर अतिक्रमण जारी रखा, जिसके बाद रेलवे को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा.