IND vs AUS: रोहित ने अपनी टेस्ट कप्तानी को लेकर दिया बड़ा बयान, फैंस को चौंका देगी ये खबर
Rohit Sharma Statement: अभी तक केवल छह टेस्ट मैचों में कप्तानी करने वाले रोहित शर्मा ने अपने एक बयान से सभी को चौंका दिया है. कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने के गुर सीख रहे हैं और वह चीजों को सरल बनाए रखना चाहते हैं तथा लोगों का ध्यान खींचने के लिए कुछ हटकर नहीं करना चाहते हैं.
Rohit Sharma Statement: अभी तक केवल छह टेस्ट मैचों में कप्तानी करने वाले रोहित शर्मा ने अपने एक बयान से सभी को चौंका दिया है. कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने के गुर सीख रहे हैं और वह चीजों को सरल बनाए रखना चाहते हैं तथा लोगों का ध्यान खींचने के लिए कुछ हटकर नहीं करना चाहते हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा और अंतिम टेस्ट मैच ड्रॉ छूटने के बाद संवाददाता सम्मेलन में जब रोहित से उनकी कप्तानी का विश्लेषण करने लिए कहा गया तो उनके जवाब से सभी हंस पड़े.
रोहित ने अपनी टेस्ट कप्तानी को लेकर दिया बड़ा बयान
रोहित शर्मा ने कहा, ‘चार टेस्ट मैच. पूरा करना है (विश्लेषण) क्या? नागपुर से यहां तक. मैं तो तीन टेस्ट मैच से करता आ रहा हूं.’ हालांकि जब उनसे अपनी कप्तानी का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने विशेषकर टेस्ट कप्तानी को लेकर चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखा. उन्होंने अब तक श्रीलंका के खिलाफ दो और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में कप्तानी की है.
फैंस को चौंका देगी ये खबर
रोहित ने कहा, ‘मैं अभी हर उस मैच से कप्तान के रूप में सीख रहा हूं जिसकी मैंने कप्तानी की है. अन्य प्रारूपों की तुलना में मैंने टी20 क्रिकेट में अधिक कप्तानी की है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी के मामले में मुझे केवल छह मैच का अनुभव है. मैं अभी सीख रहा हूं. मेरे साथियों ने काफी क्रिकेट खेली है और वे मदद के लिए मेरे साथ हैं.’
कुछ अलग हटकर करने की कोशिश
तो फिर नेतृत्व करने का प्रभावशाली तरीका क्या है? उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं टीम का नेतृत्व करता हूं तो चीजों को सरल बनाए रखने की कोशिश करता हूं. मेरा ध्यान हमेशा इस पर रहता है कि मैं कुछ प्रयोग करने या कुछ अलग हटकर करने की कोशिश न करूं. बस इसे सरल बनाए रखें क्योंकि यह खेल का लंबा प्रारूप है और इसमें आपको धैर्य रखने की जरूरत पड़ती है.’ रोहित ने कहा,‘आपको सही निर्णय लेने में सक्षम होने की जरूरत पड़ती है और इसके लिए आपको मैदान पर शांतचित रहना होता है. जब मैं टीम की कप्तानी कर रहा होता हूं तो मैं हमेशा इन चीजों के बारे में सोचता हूं. फिर जैसा मैंने कहा कि मैं अब भी कप्तानी सीख रहा हूं. मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं.’
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