IND vs SA:  टी20 वर्ल्ड कप 2024 फाइनल, यह वो मुकाबला था जिसे आज के दौर के लोग सबसे रोमांचक बताने से पीछे नहीं हटेंगे. हो भी क्यों ना, आखिरी ओवर में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के जबड़े से जीत छीन ली थी. लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं वो कहानी जब टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को सबसे गहरा जख्म दिया था. उसका बदला अफ्रीका की टीम पिछले 31 साल से नहीं ले पाई है. टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भी टीम इंडिया ने अफ्रीका को नया जख्म दे दिया. 


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दर्शकों की अटकी थी सांसे


साल 1993 में शानदार प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में जगह बनाई. चूंकि 1983 वर्ल्ड कप के बाद ट्रॉफी का सूखा था तो भारत के पास इसे खत्म करने का गोल्डन चांस था. लेकिन क्या पता था पिछली बार हारने वाली साउथ अफ्रीका जीतने के लिए पापड़ बेलने पर मजबूर कर देगी. कोलकाता के मैदान में लगभग 1 लाख दर्शकों की सांसे अटकी थी क्योंकि अफ्रीका की टीम 196 के टारगेट को आराम से चेज करती दिखी. 


कुंबले-जडेजा की मेहनत पर फिर रहा था पानी


उस दौर के दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले और अजय जडेजा की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा था. दोनों ने मिलकर अफ्रीका को 145/7 पहुंचा दिया था. लेकिन मैकमिलन और डेव रिचर्डसन ने 44 रन जोड़कर टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया. कप्तान अजहर भी लाखों दर्शकों के बीच सिर झुकाने पर मजबूर थे जब अफ्रीका को आखिरी ओवर में महज 6 रन की जरूरत थी. 


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20 साल का लड़का बना 'बाजीगर'


आखिरी ओवर फेंकने के लिए दिग्गजों के बावजूद एक खिलाड़ी थे सचिन तेंदुलकर, जिनकी उम्र महज 20 साल थी. वो ऐसा दौर था जब सचिन न तो महान बल्लेबाज थे और न ही मास्टर ब्लास्टर. लेकिन जब उन्होंने आखिरी ओवर फेंकने के लिए हाथ खड़ा किया तो सब चौंक गए. सचिन तेंदुलकर ने उस ओवर में अफ्रीका के बल्लेबाजों को एक-एक रन के लिए तरसा दिया. जैसे-तैसे बल्लेबाज 3 रन लेने कामयाब हुए. लेकिन ईडन गार्डन्स का मैदान टीम इंडिया की उस 2 रन से जीत से गूंज उठा. इस जीत की गूंज दुनियाभर में थी और यह वो मैच था जब सचिन-सचिन के नारों की शुरुआत हो गई थी.