कराची : 5 साल से अधिक बीत गए लेकिन पाकिस्तान के शीर्ष आफ स्पिनर सईद अजमल को आज तक समझ में नहीं आया कि विश्व कप 2011 के सेमीफाइनल में अंपायरों ने सचिन तेंदुलकर को उनकी गेंद पर नाट आउट कैसे करार दिया था. चालीस बरस के अजमल ने कल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में तेंदुलकर ने 85 रन बनाये थे. अजमल ने उन्हें आउट किया था.


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अजमल ने कहा, ‘मैं आश्वस्त था कि वह पगबाधा आउट थे,  लेकिन आज तक मुझे समझ में नहीं आया कि अंपायरों ने उन्हें आउट क्यो नहीं दिया.’ उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना आसान नहीं था.


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उन्होंने कहा, ‘तेंदुलकर एंड कंपनी को गेंदबाजी करना हमेशा कौशल और क्षमता का परीक्षण होता था.’ अपने करियर में में आफ स्पिनर अजमल ने 35 टेस्ट में 178 विकेट लिये. उन्होंने आखिरी टेस्ट 2014 में श्रीलंका के खिलाफ गाले में खेला.


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सईद अजमल ने 113 वनडे मैच में पाकिस्तान के लिए 184 विकेट लिए. वहीं 35 टेस्ट मैचों में 178 विकेट झटके. उन्होंने अपना पहला टेस्ट 2009 में श्रीलंका के विरुद्ध खेला था. 2008 में भारत के विरुद्ध उन्होंने अपना पहला वनडे मैच खेला था.


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी विदाई पर उन्होंने कहा, ‘मैं भारी मन से विदा ले रहा हूं. मुझे लगता है कि आईसीसी का प्रोटोकाल काफी कड़ा है. यदि आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे सभी गेंदबाजों का टेस्ट किया जाये तो कम से कम 90 प्रतिशत इसमें फेल हो जायेंगे.’ उन्होंने कहा कि यदि पीसीबी ने आईसीसी के सामने उनका पक्ष और मजबूती से रखा होता तो उन्हें संतोष होता. उन्होंने कहा, ‘मेरे गेंदबाजी एक्शन को अवैध करार दिये जाने के बाद बोर्ड ने मेरा साथ दिया, लेकिन आईसीसी के सामने इस प्रोटोकाल को चुनौती देकर वे मेरा पक्ष और मजबूती से रख सकते थे.’