Salim Durani: क्रिकेट जगत में कई प्रकार के बल्लेबाज देखने को मिलते हैं. कुछ रिकॉर्डब्रेकिंग पारियां खेलते हैं तो कुछ बेखौफ होते हैं. निडर क्रिकेटर्स को गेंदबाज की धुनाई करने में ही अलग आनंद आता है. ऐसे ही एक क्रिकेटर की कहानी हम बताने जा रहे हैं जिन्हें फैंस की डिमांड पर छक्के जमाने का अजीब शौक था. हम बात कर रहे हैं पूर्व भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी की. यह नाम 60-70 दशक के दौरान क्रिकेट में सनसनी था. 


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फैंस की डिमांड पर छक्के लगाने का शौक


सलीम दुर्रानी के एक अजीबोगरीब शौक ने उस दौर के गेंदबाजों में दहशत पैदा कर दी थी. बाएं हाथ के इस ऑलराउंडर को देखने के लिए दर्शक मैदानों पर खूब उमड़ते थे. जब सलीम दुर्रानी क्रीज पर होते तो दर्शकों की तरफ से अक्सर ‘वी वांट सिक्सर’ की गूंज सुनने को मिलती थी. स्टेडियम के जिस कोने से भी यह शोर दिखता, दुर्रानी उसी तरफ गेंद को भेज देते थे. 


भारत के लिए खेले 29 टेस्ट


सलीम दुर्रानी का भारतीय टीम की तरफ से करियर बहुत लंबा नहीं रहा. उनका जन्म अफगानिस्तान के काबुल में काबुल में हुआ था. उन्होंने 1960 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. दुर्रानी दर्शकों के बेहद लोकप्रीय खिलाड़ी थे. जब वे टीम से बाहर होते तो ‘दुर्रानी नहीं तो टेस्ट नहीं’ के नारे पूरे स्टेडियम में सुनने को मिलते थे. उन्होंने भारत के लिए 29 टेस्ट मैच ही खेले, जिसमें उनके नाम 1202 रन दर्ज हैं. इस दौरान दुर्रानी के बल्ले से 1 शतक और 7 फिफ्टी देखने को मिली थी. घरेलू क्रिकेट में दुर्रानी की अलग बादशाहत देखने को मिलती थी. उन्होंने 170 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 8545 रन बनाए और 484 विकेट भी लिए. 


अर्जुन अवॉर्ड से हैं सम्मानित


सलीम दुर्रानी का जन्म 1988 में हुआ था. पिछले साल दिसंबर में 88 साल की उम्र में सलीम दुर्रानी का निधन हो गया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी उन्होंने कई यादगार पारियां खेलीं. सलीम दुर्रानी को भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद दुर्रानी ने बॉलीवुड में भी हाथ आजमाया. लेकिन यहां वे जलवा बिखेरने में कामयाब नहीं हुए. उन्होंने फिल्म 'चरित्र' में एक्टिंग की थी.