पाकिस्तान के इस पूर्व स्पिन बॉलर ने किया अश्विन का समर्थन, भारतीय चयनकर्ताओं पर उठाए सवाल
अश्विन (Ashwin) का समर्थन करते हुए सकलैन ने कहा कि जो गेंदबाज टेस्ट में सफल हो सकता है और ढेर सारी विकेट ले सकता है वो गेंदबाज वनडे और टी20 क्रिकेट में भी उतना ही सफल हो सकता है.
नई दिल्ली: पाकिस्तानी गेंदबाज सकलैन मुश्ताक (Saqlain Mushtaq) ने रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को भारत (India) की वनडे टीम (ODI Team) से बाहर किए जाने को लेकर भारतीय चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए हैं. अश्विन को इंडिया का बेस्ट स्पिनर बताते हुए सकलैन ने कहा कि वे आज तक ये नहीं समझ पाए कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अश्विन को एकदिवसीय टीम से क्यों निकाला. सकलैन के मुताबिक अश्विन ने कई बार खुद को साबित किया चाहे वो बल्लेबाजों को रन बनाने से रोकना हो या विकेट लेना.
अश्विन (Ashwin) का समर्थन करते हुए सकलैन ने कहा कि जो गेंदबाज टेस्ट में सफल हो सकता है और ढेर सारी विकेट ले सकता है वो गेंदबाज वनडे और टी20 क्रिकेट में भी उतना ही सफल हो सकता है. पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर के अनुसार टेस्ट क्रिकेट में एक गेंदबाज को जितनी मुश्किल होती है उतनी लिमिटिड ओवर्स के क्रिकेट में नहीं होती क्योंकि रनों की गति रोकना विकेट लेने से काफी आसान है. जहां टेस्ट क्रिकेट में विकेट्स को प्राथमिकता दी जाती है वहीं ओडीआई और टी20 क्रिकेट में बल्लेबाजों को रन बनाने से रोकना ही सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है.
अश्विन के सपोर्ट में सकलैन ने ये भी कहा कि क्रिकेट में फॉर्म अस्थायी होती है जबकि काबिलियत स्थायी है. फिर चाहे आप अंगुली के स्पिनर हों या कलाई के, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर आपके पास कौशल है तो आप किसी भी परिस्थिति में कामयाब होगे. अश्विन में कौशल भी है, वे कड़ी मेहनत भी करते हैं और इस सबके ऊपर वे रणनीति बनाने में माहिर हैं.
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज ने कहा, 'मुझे आश्चर्य हुआ जब अश्विन को एक दिवसीय क्रिकेट के लिए अनदेखा कर दिया गया. जिसे यह पता हो कि पांच दिवसीय मैच में बल्लेबाज को कैसे आउट करना है उसके लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह आसान काम है. रन रोकने का काम कोई भी कर सकता है लेकिन जो विकेट लेना जानता है वह रनों पर अंकुश भी लगा सकता है. अश्विन को दोनों आता है. आप उसे टीम से बाहर कैसे रख सकते हैं? आपको अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का समर्थन करना होगा.'
सकलैन ने कहा, 'मुझे उस समय भी आश्चर्य हुआ था जब भज्जी को टीम से बाहर किया गया था. अश्विन और भज्जी का गेंदबाजी का तरीका अलग है, दोनों एक साथ एकादश में शामिल हो सकते थे. जब दाएं हाथ के एक जैसे तेज गेंदबाज एक साथ खेल सकते है तो स्पिनर क्यों नहीं?'
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