Virender Sehwag: भारत के विस्फोटक ओपनर्स का जिक्र हो और वीरेंद्र सहवाग का नाम आए, ऐसा संभव ही नहीं. अपनी विस्फोटक बैटिंग से सहवाग ने तमाम दिग्गज गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाईं. सहवाग जाने ही अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए गए. चाहे सामने कितना भी खतरनाक गेंदबाज हो, मैच की पहली गेंद हो या आखिरी, वह एक ही अंदाज में बल्लेबाजी करते थे. आक्रामक अंदाज के चलते ही वह दुनिया के खूंखार ओपनर बल्लेबाजों में शुमार हुए. सहवाग के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में तमान ऐसे रिकॉर्ड हैं, जो किसी बल्लेबाज के करियर में चार चांद लगाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं उन्हें एक बॉलर से डर भी लगता था. जी हां, इसका जिक्र उन्होंने खुद एक इंटरव्यू के दौरान किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1999 में किया डेब्यू


17000 से भी अधिक इंटरनेशनल रन बनान वाले सहवाग के करियर की शुरुआत 1999 में हुई, जब उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में हुए वनडे मुकाबले में डेब्यू का मौका मिला. दो साल बाद 2001 में वह भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे. सहवाग का टेस्ट डेब्यू साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुआ. टेस्ट और वनडे में खेलते हुए सहवाग ने पूरी दुनिया में अपनी बैटिंग का लोग मनवाया.


ऐसा रहा इंटरनेशनल रिकॉर्ड


सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट मैच खेले और उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में शामिल किया, जिन्होंने 100 या इससे ज्यादा रेड बॉल मैच खेले. टेस्ट में सहवाग ने 8586 रन बनाए. 23 शतक और 32 अर्धशतक भी उनके नाम इस फॉर्मेट में दर्ज हैं. टेस्ट में उनका औसत 49.34 का रहा. वहीं, वनडे में इस विस्फोटक बल्लेबाज ने 251 मैच खेलते हुए 8273 रन बनाए. 50 ओवर फॉर्मेट में सहवाग ने 15 शतक और 38 अर्धशतक बनाए. उन्होंने 19 टी20 इंटरनेशनल मैच भी खेले, जिनमें दो अर्धशतक के साथ 394 रन बनाए. इतना ही नहीं, बॉलिंग करते हुए भी सहवाग ने अपना जलवा कायम रखा. उन्होंने कुल 136 विकेट (टेस्ट में 40 और वनडे में 96) चटकाए. 


इस बॉलर से डरते थे सहवाग


सहवाग ने 'ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस' में खुद बताया था कि वह श्रीलंका और दुनिया के महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन से डरते थे. सहवाग ने बताया, 'एक ही बॉलर था जिससे मुझे डर लगता था कि ये मुझे आउट कर देगा. मैं इसे कैसे टैकल करूं. वो थे मुरलीधरन. सबको लगता था कि शेन वॉर्न होंगे, अख्तर होंगे, ब्रेट ली होंगे ये मैक्ग्रा होंगे, लेकिन मुझे उनसे कभी डर नहीं लगा कि ये आउट कर देंगे. इनसे आउट का डर नहीं था, ये था कि शरीर पर मार देंगे या रन नहीं बनाने देंगे, लेकिन मुरलीधरन के खिलाफ डर था कि इसके खिलाफ रन कैसे बनाऊं ये मुझे आउट कर देगा.'