वो बॉलर.. जिसकी गेंद की रफ्तार तूफान से भी तेज, बल्लेबाज बैटिंग से पहले लेते रहे प्रभु का नाम; अब जी रहा ऐसी जिंदगी
Most Dangerous Bowler: इस गेंदबाज की गति और शैली ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच तहलका मचा दिया था. यह तेज गेंदबाज क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज गेंदबाजों में से एक हैं. लेकिन चोटों के कारण करियर बहुत लंबा नहीं चल सका. फिलहाल वे अब नए रोल में हैं.
Terrefic Bowler Fastest In World: विश्व क्रिकेट में कई ऐसे तेज गेंदबाज हुए हैं जिन्हें देखकर दुनियाभर के बल्लेबाजों की शामत आ जाती थी. अगर टॉप तेज गेंदबाजों की लिस्ट देखी जाए तो सिर्फ तीन ही गेंदबाज हुए हैं जिन्होंने 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी है. यानि कि 161 किमी प्रति घंटा की रफ्तार. इनमें पाकिस्तान के शोएब अख्तर, ऑस्ट्रेलिया के शॉन टैट और ब्रेट ली शामिल हैं. इनमें से सब संन्यास ले चुके हैं. आइए शॉन टैट के करियर पर नजर दौड़ाएं और देखें कि कैसे उन्होंने अपने करियर में गेंदों की रफ्तार से बल्लेबाजों को डराया.
161.1 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ गेंदबाज रहे शॉन टेट की तेज रफ्तार वाली गेंद बल्लेबाजों के लिए हमेशा खौफ का सबब रही है. 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 161.1 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर सबको चकित कर दिया था. हालांकि, लगातार चोटिल रहने के कारण उनका अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका. उन्होंने कुल मिलाकर 3 टेस्ट, 35 वनडे और 21 टी20 मैच खेले और क्रमशः 5, 62 और 28 विकेट लिए.
चोट ने करियर को काफी प्रभावित किया
साल 2005 में टेस्ट क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले शॉन टैट ने 2007 में वनडे और टी20 फॉर्मेट में भी अपना जलवा दिखाया. लगभग एक दशक तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद, 2017 में उन्होंने चोटों के कारण क्रिकेट को अलविदा कह दिया. कोहनी की चोट ने उनके करियर को काफी प्रभावित किया था.
अब एक कोच के रूप में
कई बार क्रिकेट एक्सपर्ट्स उनके लिए मजेदार अलंकारों का प्रयोग करते थे. शॉन टैट की गेंद की रफ्तार इतनी तेज होती थी कि बल्लेबाज उनकी गेंद को खेलने से डरते थे. इसलिए, जब वे शॉन टैट की गेंद का सामना करने के लिए आते थे तो कई बार प्रभु का नाम लेते थे. संन्यास के बाद मौजूदा समय में वे एक क्रिकेट कोच के रूप में काम करते हैं और पाकिस्तान जैसी क्रिकेट टीमों को अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे युवा गेंदबाजों को अपनी गति और सटीकता बढ़ाने में मदद करते हैं. वे एक कोच के रूप में अपनी जिंदगी जी रहे हैं.