`गब्बर` की जगह भरना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन, टीम इंडिया ने खो दिया नायाब हीरा
Shikhar Dhawan Retirement: टीम इंडिया के स्टार और धाकड़ ओपनर शिखर धवन ने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. मैदान पर उनका `कबड्डी स्टाइल` में जश्न मनाने का तरीका अब `ट्रेडमार्क स्टाइल` बन गया है. 38 साल के `गब्बर` उर्फ शिखर धवन को मिस्टर आईसीसी के नाम से भी जाना जाता है.
Shikhar Dhawan Retirement: टीम इंडिया के स्टार और धाकड़ ओपनर शिखर धवन ने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है. मैदान पर उनका 'कबड्डी स्टाइल' में जश्न मनाने का तरीका अब 'ट्रेडमार्क स्टाइल' बन गया है. 38 साल के 'गब्बर' उर्फ शिखर धवन को मिस्टर आईसीसी के नाम से भी जाना जाता है. शिखर धवन ने अपने करियर में 250 से ज्यादा मुकाबले खेले, जिसमें 10,000 से ज्यादा रन बनाए.
शिखर धवन की जगह भरना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन
क्रिकेट को अलविदा कहते हुए उन्होंने खासतौर से अपने परिवार, बचपन के कोच, टीम इंडिया और बीसीसीआई को धन्यवाद कहा. साल 2010 में टीम इंडिया के साथ जुड़े इस खब्बू बल्लेबाज का क्रिकेट करियर शानदार रहा, लेकिन कई मौकों पर भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया. हालांकि, इस बल्लेबाज ने कभी कप्तान, टीम मैनेजमेंट और अन्य को कोई दोष नहीं दिया.
टीम इंडिया ने खो दिया नायब हीरा
जब भी शिखर धवन टीम में नजरअंदाज किए जाते थे, तो उन्होंने गिला शिकवा किए बिना फैसले को हंसी खुशी स्वीकार किया. धवन मैदान पर सबसे मनोरंजक क्रिकेटरों में से एक हैं. धवन ने 2010 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया और जल्द ही भारतीय क्रिकेट सेटअप में एक मुख्य आधार बन गए, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और मैदान पर अपनी करिश्माई उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं.
एक युग का अंत
पिछले कुछ वर्षों में, वह सभी प्रारूपों में भारत की कई जीत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं. धवन ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. वीडियो पोस्ट करते हुए धवन ने लिखा, 'मैं अपने 14 साल के इंटरनेशनल करियर को बहुत सारी यादों के साथ समाप्त करता हूं. आप सभी को प्यार और समर्थन के लिए शुक्रिया. जय हिंद.' वीडियो में उन्होंने कहा, 'जिंदगी में आगे बढ़ने का समय आ गया है, इसलिए मैं इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं.'
आईसीसी टूर्नामेंट में धवन की धाक थी
शिखर धवन ने कहा, 'मैं भारत के लिए अब नहीं खेल पाऊंगा, यह सोचकर दुखी होने की बजाय मैं यह सोचकर खुश हूं कि मैं भारत के लिए इतने लंबे समय तक खेला. मैं अपनी इस यात्रा के लिए अपने परिवार, बचपन के कोचों, साथ खेले खिलाड़ियों और सभी फैंस का शुक्रगुजार हूं.' खासतौर पर आईसीसी टूर्नामेंट में धवन की धाक थी. इन इवेंट में उनके धांसू परफॉर्मेंस के दम पर उनका 'मिस्टर आईसीसी' तमगा मिला. चैंपियंस ट्रॉफी 2013 और 2017 में उन्होंने गोल्डन बैट जीता. इनके लिए कहा जाता था कि चाहे वो फॉर्म में हो न हो, लेकिन आईसीसी इवेंट में उनका रन बनाना तय था.
'गब्बर' की धाक को सचिन-कोहली भी करते हैं सलाम
इस बात का जिक्र कई दिग्गज बल्लेबाज पहले कई बार कर चुके है. आईसीसी इवेंट में जो रिकॉर्ड सचिन-कोहली के पास भी नहीं है, उस पर शिखर धवन का राज है. चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में धवन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं. धवन ने टेस्ट में 34 मुकाबले खेले, जिसकी 58 पारियों में 40.61 की औसत से 2315 रन बनाए. वहीं, वनडे के 167 मुकाबलों में 44.11 की औसत से 6793 रन और टी20 के 68 मैचों में 1759 रन बनाए.
इंटरनेशनल करियर में 24 शतक और 55 अर्धशतक
धवन ने अपने इंटरनेशनल करियर में 24 शतक और 55 अर्धशतक जड़े हैं. वनडे में उनके नाम 17 शतक और 39 अर्धशतक है. वहीं, टेस्ट में 7 शतक और 5 अर्धशतक बनाए हैं. धवन ने टी20 में भी 11 अर्धशतक बनाए हैं. धवन की विरासत क्रिकेटरों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. खेल में उनके योगदान को प्रशंसकों, टीम के साथियों और क्रिकेट विशेषज्ञों द्वारा समान रूप से याद किया जाएगा. धवन की सेवानिवृत्ति की घोषणा पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक युग का अंत है.