Shikhar Dhawan: न रोहित.. न कोहली, शिखर धवन ने इस कप्तान को किया धन्यवाद, कहा- जब मैं खराब फॉर्म से गुजरा..
Shikhar Dhawan Retirement: टीम इंडिया में आईसीसी टूर्नामेंट्स के मास्टर रहे शिखर धवन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. उन्होंने अपने करियर में कई उतार चढ़ाव का सामना किया. उन्होंने रिटायरमेंट के दौरान टीम इंडिया के उस कप्तान को याद किया है जिसने बुरे वक्त में उन्हें स्टार बना दिया.
Shikhar Dhawan: टीम इंडिया में आईसीसी टूर्नामेंट्स के मास्टर रहे शिखर धवन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. उन्होंने अपने करियर में कई उतार चढ़ाव का सामना किया. उन्होंने रिटायरमेंट के दौरान टीम इंडिया के उस कप्तान को याद किया है जिसने बुरे वक्त में उन्हें स्टार बना दिया. रोहित शर्मा और विराट कोहली टीम इंडिया के बेहतरीन कप्तानों में से एक रहे, लेकिन शिखर धवन ने एमएस धोनी का अपने उभरते करियर में बड़ा रोल माना और उन्हें धन्यवाद किया.
2 साल से बाहर चल रहे धवन
शिखर धवन पिछले 2 सालों से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. उनकी वापसी को लेकर बीसीसीआई पर कई सवाल खड़े किए गए. मिस्टर आईसीसी को एशिया कप, वर्ल्ड कप तो दूर एशियन गेम्स में भी मौका नहीं दिया गया. जिसके चलते बीसीसीआई को कड़ी आलोचना भी सहनी पड़ी. हालांकि, धवन ने इसे लेकर शिकायत नहीं की और अंत में भी खुशी-खुशी इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. उनके शानदार करियर में धोनी का अहम रोल रहा, जिसके चलते रिटायरमेंट के दौरान धवन को धन्यवाद दिया है.
क्या बोले धवन?
शिखर धवन ने हिंदुस्तान टाइम्स से संन्यास के बारे में बातचीत करते हुए कहा, '2015 विश्व कप से पहले जब मैं खराब फॉर्म से गुजर रहा था, तब माही भाई ने मेरा बहुत साथ दिया और मैं अपने कप्तान धोनी भाई का आभारी हूं. उसने मैदान पर शांत रहना सीखा है. रोहित से मैंने टीम को एकजुट करना सीखा और विराट से मुझे अनुशासन सीखने को मिला है.'
धवन ने बताई अपनी यादगार पारी
रिटायरमेंट पर धवन ने अपनी सबसे यादगार पारी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, '2013 में टेस्ट डेब्यू पर मोहाली में मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रन बनाए थे. जब मैंने 85 गेंदो पर शतक लगाया तो मुझे अंदाजा नहीं था कि मैंने डेब्यू में टेस्ट में सबसे तेज शतक का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मैं बस खुश था कि भारतीय टीम में मेरी जगह पक्की कर दी है. इसके बाद 2019 वनडे वर्ल्ड कप में ओवल के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पारी भी सबसे यादगार है. पैट कमिंस की गेंद हाथ पर लगी और उंगली टूट गई. मैं तब 25 रन के स्कोर पर खेल रहा था.मैंने बस एक पेन किलर गोली खाई और बल्लेबाजी जारी रखी. मैंने उस पारी में 10 गेंदो पर 117 रन बनाए और मैन ऑफ द मैच रहा.'