नई दिल्ली: टी20 वर्ल्ड कप के खत्म होते ही  रवि शास्त्री ने भारत के कोच पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच नियुक्त किए गए. बता दें कि द्रविड़ 2023 वर्ल्ड कप तक भारतीय टीम के कोच हैं. द्रविड़ के कोच बनाए जाने के बाद सबसे बड़ी उम्मीद इस बात की लगाई जा रही है कि वो टीम इंडिया एक बार फिर से आईसीसी ट्रॉफी जीतने में मदद करेंगे. द्रविड़ के समय में कई खिलाड़ियों का करियर भी बन जाएगा. 


द्रविड़ के आते ही चमकी इस खिलाड़ी की किस्मत


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एक खिलाड़ी टीम में ऐसा भी मौजूद है जिसको राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद ही टेस्ट टीम में मौका दिया गया और वो अब इस टीम के परमानेंट सदस्य भी बन चुका है. जी हां, हम बात कर रहे हैं मिडिल ऑर्डर में भारत की नई ताकत माने जाने वाले श्रेयस अय्यर के बारे में. अय्यर को न्यूजीलैंड सीरीज से पहले कभी भी टीम इंडिया में मौका नहीं दिया गया था. इसी सीरीज में पहली बार राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के परमानेंट कोच बनाए गए थे. अय्यर ने इस मौके को जाने नहीं दिया और अब साउथ अफ्रीका टूर पर भी उनसे काफी उम्मीदें की जा रही हैं. 


मौके पर मारा चौका


न्यूजीलैंड सीरीज पर श्रेयस अय्यर को पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में जगह दी गई थी. अय्यर ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में हाफ सेंचुरी जड़ दी. कोच द्रविड़ भी न्यूजीलैंड सीरीज के वक्त इस खिलाड़ी पर खासा ध्यान दे रहे थे. इसके अलावा कई बार द्रविड़ ने खराब शॉट के लिए अय्यर को डांटा भी. अय्यर के प्रदर्शन से एक बात तो साफ है कि अब वो काफी लंबे समय तक टीम में रहने वाले हैं. 


नंबर 5 के तगड़े दावेदार  


श्रेयस अय्यर अब नंबर 5 के सबसे बड़े दावेदार बन चुके हैं. सिर्फ एक सीरीज के प्रदर्शन पर ही उन्होंने टीम से अजिंक्य रहाणे जैसे दिग्गज खिलाड़ी का पत्ता काट दिया. रहाणे टीम के उपकप्तान थे लेकिन उनकी जगह अब अय्यर को मौका दिया जाने लगा है. इसी के चलते रोहित शर्मा टेस्ट टीम के नए उपकप्तान भी बनाए जा चुके हैं. इसका सीधा सा मतलब यही जाता है कि अब रहाणे की जगह अय्यर ही परमानेंट सदस्य हैं. 


शास्त्री की जगह बने कोच


बता दें कि राहुल द्रविड़ शास्त्री के हटने के बाद नए कोच बने थे. शास्त्री के समय पर भारतीय टीम ने दो बार ऑस्ट्रेलिया फतह किया, इंग्लैंड की धरती पर भी टेस्ट सीरीज जीती. लेकिन वो टीम इंडिया को एक भी आईसीसी टूर्नामेंट जिताने में नाकामयाब रहे. अब द्रविड़ से उम्मीद है कि वो भारत को एक बार फिर कोई आईसीसी टूर्नामेंट जरूर जीतने में मदद करेंगे.