Shubman Gill Statement: भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे मुंबई टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुभमन गिल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 90 रन की पारी खेली. हालांकि, वह शतक से चूक गए, लेकिन अपनी इस पारी के दौरान वह लय में नजर आए. दिन का खेल खत्म होने के बाद उन्होंने बड़ा बयान दिया है और इस पारी को टेस्ट क्रिकेट में अपनी सबसे अच्छी पारियों में से एक बताया. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इस पारी को खेलने में कैसे कामयाबी मिली.


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कैसे कामयाबी मिली?


शुभमन गिल का मानना ​​है कि इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले किये गये तकनीकी सुधार को देखने से उन्हें इस तीसरे और अंतिम टेस्ट में शानदार 90 रन की पारी को बेहतर बनाने में मदद मिली, जिसने भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ मजबूत स्थिति में पहुंचाया. बता दें कि गिल के अलावा ऋषभ पंत की आक्रामक 60 रन की पारी ने भारत को 28 रन की बढ़त दिलाई, जिसके बाद न्यूजीलैंड ने दूसरे दिन अपनी दूसरी पारी में नौ विकेट पर 171 रन बनाकर 143 रन की बढ़त हासिल कर ली. 


'टेस्ट सबसे अच्छी पारियों में से एक'


गिल ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'यह निश्चित रूप से टेस्ट क्रिकेट में मेरी सबसे अच्छी पारियों में से एक है. इस टेस्ट से पहले मैं उन क्षेत्रों पर काम कर रहा था, जिन पर मैंने इंग्लैंड सीरीज से पहले काम किया था.' उन्होंने कहा, 'उस सीरीज में मैं स्पिनरों के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी कर रहा था. इस मैच से पहले अभ्यास में बस उस मानसिकता में वापस जाने में सक्षम होने के लिए और स्पिनरों को खेलने के तरीके को दोहराने की कोशिश कर रहा था.' 


'मुझे बल्लेबाजी करना पसंद है'


गिल ने कहा, 'कोच के साथ बातचीत बस इसे फिर से दोहराने के बारे में थी कि स्पिनरों को अच्छी तरह से किस तरह खेला जाये.' गिल ने दूसरे दिन की शुरुआत में दबाव की स्थिति में बल्लेबाजी करते समय स्पष्ट मानसिकता को अहमियत देते हुए कहा, 'मैं खेल का मजा लेने की कोशिश कर रहा था. मुझे बल्लेबाजी करना पसंद है और मैं यही सोच रहा था कि वहां जाकर देर तक बल्लेबाजी करूं.' 


'रन के बारे में नहीं सोच रहा था'


इस युवा बल्लेबाज ने कहा, 'मैं यह सोचकर खुद पर बहुत अधिक दबाव डालने की कोशिश नहीं कर रहा था कि मुझे इतने रन बनाने हैं. मैं मैदान पर खेल का लुत्फ़ उठाने की कोशिश कर रहा था, भले ही वह मुश्किल था. क्योंकि आपको इतने टेस्ट मैच खेलने को नहीं मिलते.'