Sourav Ganguly Statement: भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने BCCI से निकलने के बाद पहली बार अपनी भड़ास निकाली है और अपने ताजा बयान से हर किसी को हैरान कर दिया है. बता दें कि सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हट गए हैं. BCCI में सौरव गांगुली को कोई सपोर्ट नहीं मिला हैं और उन्होंने एक 'निराशाजनक' स्तर पर अपना कार्यकाल समाप्त किया है.


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BCCI से निकलने के बाद गांगुली ने पहली बार निकाली भड़ास


BCCI से निकलने के बाद पहली बार भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली मीडिया के सामने आए हैं. सौरव गांगुली ने कहा, 'मैं पांच साल तक क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) का अध्यक्ष रहा. फिर मैं तीन साल तक BCCI का अध्यक्ष भी रहा. इन सभी जिम्मेदारियों को संभालने के बाद मुझे जाना होगा और अब मैं कुछ और करूंगा. एक क्रिकेटर के रूप में आपके सामने चुनौती बहुत बड़ी होती है और एक प्रशासक के रूप में आपको इतना ही बड़ा योगदान देना होता है. एक लीडर के तौर पर आप करियर बनाते हैं और टीम बनाते हैं.' 


अपने इस बयान से सभी को किया हैरान


सौरव गांगुली ने कहा, 'आपको टीम के लिए चीजों को बेहतर बनाना होगा. एक खिलाड़ी होने के नाते मैं लंबे समय तक खेलता रहा और उसमें मुझे बहुत मजा आया. एक प्रशासक के रूप में मैं कुछ यादगार और महान पलों का हिस्सा बना. आप हमेशा के लिए नहीं खेल सकते और आप हमेशा के लिए प्रशासक भी नहीं रह सकते.' बता दें कि सौरव गांगुली के इस बयान में दर्द और निराशा साफ नजर आ रही है.


ये बनेंगे BCCI के नए अध्यक्ष


भारत के पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी ने BCCI अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना है, क्योंकि अब तक किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दर्ज नहीं किया है. BCCI में सौरव गांगुली को कोई सपोर्ट नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें निराश होकर BCCI के अध्यक्ष पद को छोड़ना पड़ा है.  


ये थी पूरे विवाद की वजह! 


गांगुली के BCCI अध्यक्ष पद पर जारी न रहने की एक वजह बोर्ड के प्रायोजक हैं, जो गांगुली से खुश नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वह प्रतिद्वंद्वी ब्रांड का प्रचार करते हैं. इस मामले पर सदस्यों के बीच कई बार चर्चा हो चुकी है. ओवरऑल, बीसीसीआई अब गांगुली से आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है, जिसका मतलब है कि वह आईसीसी चेयरमैन पद के लिए भी उम्मीदवार नहीं होंगे, जिसका चुनाव अगले महीने है. यह भी समझा जाता है कि गांगुली को आईपीएल चेयरमैन की पेशकश की गई, लेकिन बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभालने के बाद वह उसकी एक उप समिति के प्रमुख बनने के लिए तैयार नहीं हुए.


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