भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट के लिए हुए टीम इंडिया के सेलेक्शन से खुश नहीं हैं. बता दें कि इस टेस्ट मैच में शुभमन गिल को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप कर दिया गया. शुभमन गिल को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने की सबसे बड़ी वजह कप्तान रोहित शर्मा के लिए ओपनिंग करने का रास्ता खोलना था. मेलबर्न टेस्ट मैच में केएल राहुल नंबर-3 पर शुभमन गिल की जगह बल्लेबाजी करने उतरे और कप्तान रोहित शर्मा ने पारी की शुरुआत की.


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टीम इंडिया के सेलेक्शन में हुई कई गलतियां


सुनील गावस्कर को टीम इंडिया के सेलेक्शन में कई गलतियां नजर आई. सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से कहा, 'नहीं, यह भारत के लिए कारगर नहीं है. शुभमन गिल को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने के फैसले ने निराश किया है. आप टेस्ट मैच में सिर्फ 5 नियमित बल्लेबाजों के साथ उतरते हैं. रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और नितीश रेड्डी ऑलराउंडर हैं, लेकिन जब आपकी बल्लेबाजी रन नहीं बना रही होती है तो आप 6 बल्लेबाजों के साथ उतरते हैं और फिर ऑलराउंडरों को शामिल करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'


सुनील गावस्कर ने रोहित पर साधा निशाना


सुनील गावस्कर ने आगे कहा कि रोहित को टॉप ऑर्डर में एडजस्ट करने के चक्कर में टीम इंडिया का पूरा संतुलन बिगड़ गया. अगली तीन पारियां भारतीय टेस्ट टीम में रोहित शर्मा के भविष्य को अच्छी तरह से तय कर सकती हैं. सुनील गावस्कर ने कहा, 'मुझे लगता है कि पूरा सेलेक्शन शुरू से ही सही नहीं था और अब हम इसका परिणाम देख रहे हैं. एक व्यक्ति को एडजस्ट करने की कोशिश में, जो हुआ है वह यह है कि टीम का पूरा संतुलन बिगड़ गया है. अगली 3 पारियां शायद यह तय करेंगी कि रोहित शर्मा का भविष्य क्या है, इसलिए मुझे लगता है कि अगली 3 पारियों में, उन्हें बड़े स्कोर बनाने होंगे, बड़े शतक बनाने होंगे, अगर उन्हें भारतीय टीम में बने रहना है.'


रोहित शर्मा सबसे खराब फॉर्म में


रोहित शर्मा टेस्ट में अपने जीवन के सबसे खराब फॉर्म में हैं. रोहित शर्मा ने सितंबर 2024 से अब तक 14 टेस्ट पारियों में 11.07 की औसत से सिर्फ 155 रन बनाए हैं, जिसमें उनके नाम सिर्फ एक अर्धशतक है. रोहित शर्मा ने साल 2024 की शुरुआत शानदार तरीके से की और घरेलू धरती पर इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 400 रन बनाए, जिसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल है. भारतीय कप्तान पर अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने और टीम में अपना बहुमूल्य योगदान देने का बहुत दबाव है, क्योंकि क्रिकेट पंडित उन्हें टेस्ट से संन्यास लेने के लिए कह रहे हैं.