Team India: टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए इस खिलाड़ी ने चली तगड़ी चाल, खुद किया ये बड़ा खुलासा
Indian Cricket Team: टीम इंडिया के एक धाकड़ बल्लेबाज ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 के बीच एक बड़ा बयान दिया है. इस खिलाड़ी ने टीम में जगह बनाने के लिए की गई मेहनत के बारे में खुलासा किया है.
Team India, T20 World Cup 2022: टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप 2022 (T20 World Cup 2022) में अपना दूसरा मैच 27 अक्टूबर को खेलेगी. इस मैच से पहले टीम इंडिया के एक खिलाड़ी ने बड़ा बयान दिया है. इस खिलाड़ी टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा था. इस खिलाड़ी ने खुलासा किया की ऐसे उन्होंने सेलेक्टर्स का ध्यान खींचने के लिए अपने खेल में कुछ बदलाव किया, वहीं अपने हार्ड वर्क को स्मार्ट वर्क में बदला.
इस भारतीय खिलाड़ी ने दिया बड़ा बयान
टीम इंडिया में चयन के लिए लंबा इंतजार करने वाले 'मिस्टर 360' यानी धाकड़ बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव (SuryaKumar Yadav) ने टीम में जगह बनाने के लिए अभी ओर से किए गए बड़े बदलावों के बारे में बताया है. इस 32 साल के बल्लेबाज ने अपनी प्रैक्टिस के तरीके में बदलाव किया, अपने खान पान पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की. इस कड़ी महनत के बाद वह टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए.
अपने खेल में किया काफी बदलाव
सूर्यकुमार यादव ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत करते हुए कहा, 'मेरी पत्नी देविशा और मैंने 2017-18 में इस पर मनन किया और कुछ स्मार्ट वर्क करने का फैसला किया. आप कड़ी मेहनत करते हो जिसके दम पर आप आगे बढ़ते हो लेकिन हमने कुछ अलग करने का फैसला किया. मैंने अलग तरह से अभ्यास करना शुरू किया. मुझे 2018 के बाद एहसास हुआ कि मुझे अपने खेल पर काम करने की जरूरत है. मैंने ऑफ साइड की तरफ अधिक शॉट खेलने शुरू किए.'
टीम में जगह बनाने के लिए डाइट बदली
सूर्यकुमार यादव (SuryaKumar Yadav) ने कहा, 'मैंने खान पान पर ध्यान दिया और कम भोजन करना शुरू कर दिया. मैंने कुछ ऐसी चीजें की जिनसे मुझे वास्तव में 2018 और 2019 के घरेलू सीजम में मदद मिली. इसके बाद 2020 में मेरा शरीर पूरी तरह से बदल गया था. सूर्यकुमार ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर को शुरू करने के 11 साल बाद मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था.
बिना सोचे समझे कर रहे थे प्रैक्टिस
सूर्यकुमार ने महसूस किया कि वह पहले बिना सोचे समझे प्रैक्टिस कर रहे थे और निराश हो रहे थे. इसलिए उन्होंने अपने प्रैक्टिस के तरीकों में बदलाव किया. सूर्यकुमार ने कहा, 'इसमें समय लगा. हमें यह जानने में डेढ़ साल लग गए कि मुझे किन चीजों से मदद मिलेगी और मैं कैसे आगे बढ़ सकता हूं. इसके बाद हम दोनों को एहसास हुआ कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और फिर सब कुछ ठीक होने लगा. मैं जानता था कि मुझे क्या करना है, कैसे और कितनी प्रैक्टिस करनी है.'
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