Team India: टीम इंडिया में हर बार कुलदीप यादव को अच्छे प्रदर्शन के बावजूद बाहर होना पड़ता है. कुलदीप यादव ने पिछले साढ़े पांच साल से भारत के लिए अभी तक सिर्फ 8 टेस्ट मैच ही खेले हैं. टीम इंडिया के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भी कुलदीप यादव को भारतीय टीम से अंदर-बाहर होना पड़ता है. कुलदीप यादव के साथ ही हर बार टीम इंडिया में नाइंसाफी क्यों होती है, इसके पीछे भी एक बड़ी वजह है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कुलदीप को क्यों टीम इंडिया से होना पड़ता है बाहर?


किसी भी क्रिकेटर के लिए टीम इंडिया से बाहर होना बहुत दर्दनाक होता है, क्योंकि इसके बाद दोबारा भारतीय टीम में वापसी करना बहुत मुश्किल होता है. एक से बढ़कर एक टैलेंटेड खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण भारतीय टीम के सेलेक्शन में तगड़ा कम्पटीशन देखने को मिलता है. बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में खेले गए पहले टेस्ट मैच में कुलदीप यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 8 विकेट झटके और 40 रन भी बनाए. कुलदीप यादव को उनके इस बेस्ट प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ द मैच' का इनाम भी मिला है. 


सामने आई ये बड़ी वजह 


कुलदीप यादव ने भारत के लिए अभी तक 8 टेस्ट मैचों में 34 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें उन्होंने 3 बार पारी में पांच विकेट चटकाने का कारनामा किया है. इतने बेहतरीन रिकॉर्ड के बावजूद कुलदीप यादव को ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के कारण टेस्ट टीम से बाहर रहना पड़ा है. टीम इंडिया जब अपने घर में कोई टेस्ट मैच खेलती है, तो कुलदीप यादव को तीन स्पिन गेंदबाज खिलाए जाने की सूरत में ही भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जाता है. 


इस वजह से बार-बार होती है नाइंसाफी


कुलदीप यादव को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में तब चुना जाता है, जब भारत को अपने घर में किसी टेस्ट मैच के लिए तीन स्पिनरों की जरूरत होती है. टेस्ट टीम में रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के कारण कुलदीप यादव की ज्यादातर मौकों पर अनदेखी होती रही है. वनडे और टी20 टीम में भी कुलदीप यादव को अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल, वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा के कारण खेलने का मौका नहीं दिया जाता है, क्योंकि कुलदीप यादव की बल्लेबाजी करने की क्षमता इन सभी खिलाड़ियों से थोड़ी कम है.