इस खिलाड़ी से सेलेक्टर्स ने बिल्कुल किया किनारा, फैंस को सुना सकता है संन्यास की खबर!
टीम इंडिया का एक खिलाड़ी ऐसा है, जिसका करियर सिर्फ 68 इंटरनेशनल मैच खेलकर लगभग खत्म हो चुका है. कई बार मौके मिलने के बाद भी जब ये खिलाड़ी नहीं सुधरा तो सेलेक्टर्स ने उसे खराब प्रदर्शन के कारण भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया. क्रिकेटर मनीष पांडे को कई बार मौके दिए गए हैं, लेकिन वो इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादातर मौकों पर फ्लॉप साबित हुए.
टीम इंडिया का एक खिलाड़ी ऐसा है, जिसका करियर सिर्फ 68 इंटरनेशनल मैच खेलकर लगभग खत्म हो चुका है. कई बार मौके मिलने के बाद भी जब ये खिलाड़ी नहीं सुधरा तो सेलेक्टर्स ने उसे खराब प्रदर्शन के कारण भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया. क्रिकेटर मनीष पांडे को कई बार मौके दिए गए हैं, लेकिन वो इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादातर मौकों पर फ्लॉप साबित हुए. सेलेक्टर्स पहले ही मनीष पांडे का भारतीय क्रिकेट टीम से पत्ता काट चुके हैं.
संन्यास ले सकता है टीम इंडिया का ये खिलाड़ी!
मनीष पांडे को एक वक्त पर टीम इंडिया का भविष्य माना जाता था, लेकिन इनका बल्ला ज्यादातर शांत रहा. मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए शानदार डेब्यू किया था. मनीष पांडे ने साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ 86 गेंदों पर 71 रन बनाए थे. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 81 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम इंडिया को अकेले दम पर जीत दिलाई थी. लेकिन इसके बाद वो टीम इंडिया से लगातार अंदर बाहर होते रहे. इंजरी ने भी उनसे कई बड़े मौके छीने. शानदार शुरुआत को वो बड़े करियर में तब्दील नहीं कर सके.
लंबे समय से भाव नहीं दे रह सेलेक्टर्स
मनीष पांडे ने टीम इंडिया (Team India) के लिए अब तक 39 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने की 44.31 औसत और 126.15 की स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए. मनीष पांडे कभी कंसिसेटेंट नहीं रहे और यही वजह है कि उनका टीम इंडिया (Team India) में आना और जाना लगा रहा. अब लगता नहीं कि वो कभी वापसी कर पाएंगे.
आईपीएल में की थी धमाकेदार शुरुआत
मनीष पांडे ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ की थी. साल 2009 में वह आईपीएल में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे. मनीष पांडे ने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद के खिलाफ सिर्फ 73 गेंदो में नाबाद 114 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान उनके बल्ले से 10 चौके और चार छक्के निकले थे. तब अनिल कुंबले आरसीबी के कप्तान थे.