नई दिल्ली : बीसीसीआई ने इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया की टेस्ट टीम घोषित कर दी है. इस टीम में कुछ नए चेहरे हैं तो कुछ को टीम में काफी समय बाद वापसी भी मिली है. ऐसे में कई ऐसे भी नाम हैं जिनकी उम्मीद की जा रही थी कि वे टीम में जगह बनाने में कामयाब हो जाएगें लेकिन बीसीसीआई ने चौंकाते हुए इन नामों को शॉमिल नहीं किया है. आइए, जाने ऐसे नामों के बारे में और यह भी कि उन नामों पर कयास क्यों लगाए जा रहे थे. 


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वनडे सीरीज में हार के बाद अब टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज में भी इंग्लैंड को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. विराट कोहली सी सेना तकनीक, कौशल और गौरव की लड़ाई इंग्लैंड में लड़ रही है. टीम इंडिया 2014 में मिली हार का बदला लेने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई पड़ रही है. किक्रेट पंडितों का मानना है कि टीम इंडिया के पास टेस्ट सीरीज जीतने का यह सबसे बढ़िया मौका है. 5मैचों की इस टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के लिए अनेक सरप्राइज होंगे. भारत के युवा खिलाड़ी शॉनदार फोर्म में हैं. 


 पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज में कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो टेस्ट टीम के मुहाने पर खड़े थे लेकिन फिर भी टीम में जगह बना पाने में नाकाम रहे.


मयंक अग्रवाल
2-17-18 के घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक का यह बल्लेबाज जबरदस्त प्रदर्शन कर चुका है. मयंक अपने जीवन में इस समय सबसे बेहतरीन फार्म में चल रहा है. 2017-18 से उनका करियर सही ट्रैक पर रहा है. उन्होंने रणजी ट्राफी में 1160 रन बनाए हैं. मयंक के करियर मं नवंबर 2017 में एक ऐसा मौका भी आया था जब महज 23दिनों के भीतर मयंक ने 1000 रन बना डाले थे. इनमें पांच शतक थे. साथ ही 304 नाबाद की एक विशॉल पारी भी थी. इसका उन्हें यह रिवार्ड मिला कि उन्हें इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली इंडिया ए टीम में चुन लिया गया. 



दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने वेस्ट इंडीज एक और इंग्लैंड लायंस के विरुद्ध तीन शतक ठोक दिए. उन्होंने टीम फाइनल तक पहुंचाने और खिताब जितवाने में अहम भूमिका अदा की. यह सही मौका था जब मय़ंक का टीम इंडिया से बुलावा आना चाहिए. खासतौर पर इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट मैचों के लिए, लेकिन एक बार फिर उन्हें निराश होना पड़ा. पिछले साल भी मयंक बढ़िया प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया में जगह बनाने में नाकाम रहे थे.  मयंक अग्रवाल कई खिलाड़ियों की जगह आ सकते थे इनमें करुण नायर एक नाम लेकिन चयनकर्ताओं को करुण में ज्यादा विश्वास दिखा और मयंक में नहीं.  


पृथ्वी शॉ
अंडर 19 में भारत के कप्तान रहे पृथ्वी शॉ ने क्लासिक ओपनर की भूमिका निभाई है. जब वह महज 14साल के थे तो उन्होंने हैरिस शील्ड में 330 गेंदों पर 556रनों की विशॉल पारी खेली थी. यह 2013की बात है. सितंबर 2017 मैं दिलीप ट्राफी में डेब्यू करने वाले वह सबसे युवा खिलाड़ी बने. उन्होंने सबसे कम उम्र में शतक जमा कर सचिन तेंदुलकर का रिकार्ड तोड़ा. शॉ को स्वाभाविक स्ट्रोक प्लेयर माना जाता है. उनके आक्रामक बल्लेबाजी स्टाइल की हर कोई प्रशंसा करता है.



शॉ ने घरेलू क्रिकेट में शॉनदार प्रदर्शन करने के बाद अंडर 19 में और आईपीएल में दिल्ली डेयर डेविल्स की तरफ से खेलते हुए शॉनदार प्रदर्शन किय है. इंडिया ए की तरफ से भी शॉन कई शॉनदार पारियां खेली हैं. इंडिया ए की तरफ से शॉ ने एक मैच में शॉनदार 188रन की पारी खेली. वह इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के प्रबल दावेदारों में हैं. लेकिन उनकी जगह भी करुण नायर को ही प्राथमिकता दी गई. 


दीपक चहर
 पिछले कुछ समय में भारत में तेज गेंदबाजों की नयी पौध सामने आई है. घरेलू क्रिकेट में शॉनदार प्रदर्शन करने के बाद इन युवा खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी अपना दमखम दिखाया है. इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने टीम इंडिया में वन डे या टी20 में अपने करियर का आगाज भी किया है. दीपक चहर, नवदीप सैनी, अयेश खान, रजनीश गुरबाणी जैसे कई गेंदबाज सामने आए हैं. आईपीएल में चैन्नई सुपर किंग्स की टीम में नयी गेंद से पहला ओवर फेंकते हुए दीपक को सबने देखा है. वह टी20 में टीम इंडिया में अपना डेब्यू कर चुके हैं.


(फोटो साभार PTI)

दीपक इंडिया ए में अपनी शॉनदार फार्म के जरिये वह टेस्ट टीम में जगह पाने के दावेदार हैं. सही लाइन और लेंथ पर गेंद फेंकना, और गेंद को स्विंग कराना उनकी खासियत है. वह इंग्लैंड की परिस्थितयों का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं. चाहर तेज गेंदबाजों में मोहम्मद शमी, उमेश यादव, शार्दुल ठाकुर से बेहतर नहीं तो उनसे कम भी नहीं हैं लेकिन फिर भी चयनकर्ता दीपक पर भरोसा नहीं कर सके. मोहम्मद शमी की निजी समस्याएं कम नहीं हो रहीं है, वहीं शार्दुल ठाकुर ने तीसरे वनडे मैच में अपने प्रदर्शन से खास प्रभावित नहीं किया. जबकि इंडिया ए के इंग्लैंड दौरे की बात की जाए तो दीपक का प्रदर्शन शार्दुल के प्रदर्शन से बेहतर ही था.


इस चयन से सवाल उठना लाजमी है कि आखिर टीम इंडिया में चयन का आधार क्या है. अगर अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रदर्शन को ही आधार रखा जा रहा है तो  फिर तो मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ और दीपक चहर को टीम इंडिया में शामिल होने की उम्मीद ही छोड़ देनी चाहिए. और अगर घरेलू प्रदर्शन भी मायने रखता है तो फिर ये तीनों खिलाड़ी चुने गए कई खिलाड़ियों से बेहतर हैं.  बीसीसीआई चयनकर्ताओं की जवाबदेही कैसे तय करती है यह देखना अभी बाकी है.