नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार से वेस्टइंडीज के खिलाफ (India vs West Indies) पहले टेस्ट मैच में दो-दो हाथ करेगी. दोनों टीमें इसके लिए अपने-अपने ढंग से तैयारी कर रही हैं. इस बीच विराट कोहली (Virat Kohli) ने कुछ ऐसा किया, जिसके बारे में कम से कम पहले से कयास लगाना असंभव है. भारतीय कप्तान ने मैच से पहले दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज रहे विवियन रिचर्ड्स (Vivian Richards) का इंटरव्यू किया. 

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भारतीय कप्तान विराट कोहली इंटरव्यू की शुरुआत करते हुए कहते हैं, ‘आज मैं कुछ ऐसा करने जा रहा हूं, जो आपने पहले ज्यादा नहीं देखा होगा. लेकिन मेरे पास ऐसा करने का वाजिब कारण है. मैं अभी दि ग्रेटेस्ट विवियन रिचर्ड्स के साथ हूं और उनसे बातचीत कर मुझे बेहद खुशी हो रही है. बीसीसीआई टीवी ने अपने ऑफीशियल वेबसाइट पर यह वीडियो अपलोड की है. 

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विराट कोहली कहते हैं कि यह उनके लिए बहुत अच्छा मौका है कि वे उन चुनौतियों को समझ सकें, जिनका आपने अपने करियर में सामना किया और वो क्या था, जिससे आपका खुद पर भरोसा जागा? आखिर वह क्या अनुभूति थी? इस पर रिचर्ड्स कहते हैं, ‘मुझे हमेशा लगा कि मुझमें इस प्लेटफॉर्म में खेलने के लिए जरूरी प्रतिभा है. मैं उसी तरीके से खेलना चाहता था, जो मुझे पसंद था और जिसमें मेरा भरोसा था.’ 

विवियन रिचर्ड्स कहते हैं कि उनमें खेल के प्रति कुछ वैसा ही जुनून था, जैसा आपमें (कोहली) में है. इससे कई बार लोगों को लगता है कि यह इतना गुस्से में क्यों है. लेकिन ऐसा होता है. यह खेल का हिस्सा है. 

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विराट इसके बाद कहते हैं, ‘मैंने आपको देखा है कि जब आप बैटिंग के लिए उतरते थे तो हेलमेट नहीं पहनते थे. बस एक हाथ में बैट और दूसरे हाथ में कैप होती थी, जिसे आप सिर पर ठीक करने की कोशिश करते दिखते थे. हालांकि, उस समय हेलमेट आ चुके थे, लेकिन आपने कैप पहनकर ही बैटिंग की. आपको यह भी पता होता था कि पिचें बहुत अच्छी ढंग से ना तो बनाई गई हैं और ना कवर की गई हैं. ऐसे में बैटिंग करते आते समय आप क्या सोचते थे?



विव रिचर्ड्स इसके जवाब में कहते हैं, ‘मुझे लगता था कि मैं इसके बिना भी खेल सकता हूं. वैसे, मैंने हेलमेट पहनने की कोशिश की, लेकिन मुझे यह कभी भी सहज नहीं लगा. इसलिए मैंने इसके बिना ही खेलना उचित समझा. वैसे भी जब मैं मैरून कैप पहनकर खेलता था, तो मुझे गर्व की अनुभूति होती थी.’ रिचर्ड्स ने आगे कहा, ‘मुझे हमेशा लगता था कि मैं वो खेल खेल रहा हूं, जिसे मैं जानता-समझता हूं. फिर भी अगर चोट लग जाती है तो यह भगवान की मर्जी होगी. मैं ज्यादा चोट लगने से जरूर बच जाउंगा.’ 

विराट कोहली भी विवियन रिचर्ड्स की बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, ‘मुझे हमेशा लगता है कि अगर गेंद शरीर या हेलमेट पर लगनी है तो शुरू में ही लग जाए. इससे आप सचेत होकर और पूरे साहस के साथ फिर से खेलना शुरू कर देते हैं. यह स्थिति उससे बेहतर है, कि हर पल यह डर बना रहे कि कोई गेंद आपको लग सकती है.’ विवियन रिचर्ड्स भारतीय कप्तान की इस बात का समर्थन करते नजर आते हैं.