Vinod Kambli: बी.पी लो.. तेज बुखार, ICU में विनोद कांबली, डॉक्टर ने दिया पूरा अपडेट
Vinod Kambli: पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली का इलाज ठाणे में जारी है. रमाकांत आचरेकर की प्रतिमा के आवरण समाहरोह से ही उनकी हेल्थ पर चर्चे थे. लेकिन शनिवार को अचानक हालत बिगड़ने से उन्हें ठाणे के हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. अब 3 बाद डॉक्टर ने उनकी हेल्थ पर सभी अपडेट दे दिए हैं.
Vinod Kambli: पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली का इलाज ठाणे में जारी है. रमाकांत आचरेकर की प्रतिमा के आवरण समाहरोह से ही उनकी हेल्थ पर चर्चे थे. लेकिन शनिवार को अचानक हालत बिगड़ने से उन्हें ठाणे के हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. जांच के बाद पता चला कि उनके मस्तिष्क में खून के थक्के जमे हुए हैं. अब 3 इलाज चलने के बाद डॉक्टर ने उनकी हेल्थ पर सभी अपडेट दिए. उन्होंने बताया कि फिलहाल विनोद कांबली आईसीयू में भर्ती हैं.
तेज बुखार और बी.पी लो की शिकायत
कांबली का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने मंगलवार को उनकी हेल्थ पर अपडेट दिया. अस्पताल के डॉ. विवेक द्विवेदी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कांबली मूत्र मार्ग में संक्रमण के इलाज का असर हो रहा है, जिसके लिए उन्हें शनिवार (21 दिसंबर) को भिवंडी शहर के पास आकृति अस्पताल में भर्ती कराया गया था. द्विवेदी उस मेडिकल टीम का नेतृत्व कर रहे हैं जो पूर्व क्रिकेटर के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है. उन्होंने बताया कि कांबली का बी.पी लो था और मंगलवार को बुखार भी आया.
क्या बोले विवेक द्विवेदी?
डॉ. विवेक द्विवेदी ने कहा, 'हमने उन्हें शनिवार शाम को भर्ती कराया. घर पर उन्हें मांसपेशियों में ऐंठन और चक्कर आ रहे थे. जब हम उन्हें अस्पताल लेकर आए तो उन्हें तेज बुखार था और मांसपेशियों में ऐंठन के कारण चलने में दिक्कत हो रही थी. जांच में पता चला कि उन्हें मूत्र संक्रमण है और सोडियम और पोटेशियम की कमी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन हो रही थी. मस्तिष्क की जांच से पता चला कि उन्हें पुराने थक्के थे क्योंकि हाल ही में उन्हें स्ट्रोक हुआ था.'
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I.C.U में भर्ती हैं कांबली
उन्होंने आगे कहा, 'हमने उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया क्योंकि उनका रक्तचाप भी कम था. उनकी महत्वपूर्ण स्थिति स्थिर है लेकिन उनका उपचार और फिजियोथेरेपी जारी है. हम उन्हें 2-3 दिनों में छुट्टी देने की योजना बना रहे हैं. उनके मस्तिष्क की स्थिति स्थिर नहीं है. उनके मस्तिष्क में कई परिवर्तन हो रहे हैं. इसलिए, हम पुनर्वास पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.'