नई दिल्ली: भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज का सूपड़ा साफ कर दिया और 2-0 से सीरीज अपने नाम कर ली. घरेलू मैदानों पर यह भारत की लगातार 10वीं सीरीज जीत है. हैदराबाद में रविवार को दूसरे टेस्ट में विराट कोहली के नेतृत्व में जेसन होल्डर की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज टीम को 10 विकेट से हरा दिया. हैदराबाद टेस्ट में पृथ्वी शॉ ने विजयी रन बनाया. भारतीय पेसर उमेश यादव ने दूसरी पारी में 45 रन देकर 4 विकेट लिए. 


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उमेश यादव अपनी इस कामयाबी के साथ कपिल देव और जवागल श्रीनाथ के बाद तीसरे ऐसे पेसर बन गए हैं, जिन्होंने एक ही टेस्ट में, घरेलू मैदान पर 10 विकेट लिए हैं. इस टेस्ट मैच में पृथ्वी शॉ के लिए एक ऐसा मौका भी आया जब वह जेसन होल्डर की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट होने से बच गए. उस समय उनका खाता भी नहीं खुला था. हालांकि, अंपायर इयान गोल्ड के पृथ्वी को नॉटआउट दिया. इसके बाद होल्ड ने रिव्यू लिया. 


रिव्यू में देखा जा सकता था कि पृथ्वी शॉ आउट थे. यदि अंपायर ने पहले आउट दे दिया होता तो शॉ पवेलियन लौट जाते. इस घटना ने उन पलों की याद ताजा कर दी जब क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1999-2000 की सीरीज में इसी अंदाज में आउट दे दिया गया था. 



यह एडिलेड में पहले टेस्ट की दूसरी पारी थी. ग्लेन मैकग्रा की गेंद पर सचिन शून्य पर आउट दे दिए गए थे. उनकी शॉर्ट बॉल ज्यादा उठी नहीं थी. अंपायर डेरील हार्पर ने काफी सोच-विचार के बाद उन्हें आउट दे दिया. उस समय सचिन ने अपना खाता भी नहीं खोला था.


हालांकि, सचिन के विकेट के बाद हार्पर के खिलाफ जमकर हल्ला भी मचा था. लोगों का विश्वास था कि सचिन को एलबीडब्ल्यू आउट दिया गया है, जबकि वह आउट नहीं हैं. लोग सोच रहे थे कि गेंद तेंदुलकर के शरीर के ऊपरी हिस्से पर लगी है. लेकिन सचिन बिना किसी प्रतिरोध के पवेलियन लौट गए. हालांकि, उनकी निराशा चेहरे पर साफ दिखाई पड़ रही थी.


रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ पृथ्वी शॉ का यह नॉटआउट 1999 की ही पुनरावृत्ति था. अंपायर गोल्ड ने पृथ्वी शॉ को आउट नहीं दिया और बाद में होल्डर से सॉरी कहा. होल्डर को एक विकेट मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने अंपायर के निर्णाय को स्वीकार किया. ठीक वैसे ही जैसे जीनियस सचिन तेंदुलकर ने 19 साल पहले किया था.



भारत ने हैदराबाद में खेला गया दूसरा टेस्‍ट भी तीसरे ही दिन आसानी से जीत लिया. इस मैच में पृथ्‍वी शॉ ने विजयी रन जड़ा. इसी के साथ टेस्‍ट क्रिकेट में विजयी रन जड़ने वाले पृथ्‍वी सबसे युवा भारतीय बन गए हैं.



बता दें कि वेस्‍टइंडीज के खिलाफ दो टेस्‍ट मैचों की सीरीज में हर किसी की नजर पृथ्‍वी शॉ पर ही थी और शॉ ने भी हर किसी को अपनी बल्‍लेबाजी कर दम भी दिखाया. सीरीज के पहले मैच और डेब्‍यू मैच में भी शतक जड़ने के बाद दूसरे टेस्‍ट की पहली पारी में 70 और दूसरी पारी में नाबाद 33 रन बनाने के लिए उन्‍हें 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया.