Virat Kohli And Rahul Dravid: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में शतकीय पारी खेली. ये उनके इंटरनेशनल करियर का 28वां टेस्ट शतक था. ये मैच भले ही ड्रॉ पर खत्म हुआ, लेकिन विराट के लिए ये मुकाबला काफी खास रहा. इस मैच के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) ने एक बड़ा खुलासा किया. जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.


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विराट कोहली ने कर दिया बड़ा खुलासा


भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने स्वीकार किया है कि लंबे समय तक टीम के लिए कोई ठोस योगदान नहीं देना उन्हें लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने भारतीय कोच राहुल द्रविड़ के साथ बातचीत में कहा कि टेस्ट में एक बड़ा शतक बनाने की बेताबी में उन्होंने उम्मीदों को खुद पर हावी होने दिया. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में 186 रन की पारी खेली और तीन साल से अधिक समय के टेस्ट शतक के सूखे को खत्म किया. यह उनके टेस्ट करियर का 28वां जबकि कुल 75वां इंटरनेशनल शतक था.


कोच राहुल द्रविड़ के साथ की बातचीत


विराट कोहली ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की वेबसाइट पर जारी वीडियो में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो अपनी खामियों के कारण मैंने खुद पर परेशानी को हावी होने दिया.' उन्होंने कहा, 'क्रिकेट में तीन अंकों का आंकड़ा हासिल करने की बेताबी ऐसी चीज है जो एक बल्लेबाज के रूप में आप पर हावी हो सकती है. मैंने कुछ हद तक अपने साथ ऐसा होने दिया. लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मैं ऐसा खिलाड़ी नहीं हूं जो 40-45 रन से खुश रहे. मुझे टीम के लिए प्रदर्शन करने में बहुत गर्व महसूस होता है.' उन्होंने कहा, 'जब मैं 40 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मुझे पता होता है कि मैं 150 रन बना सकता हूं. लेकिन ऐसा नहीं होना मुझे लगातार परेशान कर रहा था.'


राहुल द्रविड ने जमकर की तारीफ


कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शतकीय पारी के दौरान लगभग साढ़े आठ घंटे और 364 गेंद तक बल्लेबाजी की. उन्होंने इस दौरान संयम का परिचय देते हुए लगातार 162 गेंदों पर कोई चौका नहीं लगाया. उन्होंने अपना पांचवां चौका 89वीं गेंद पर लगाया जबकि छठा चौका उनकी पारी की 251 वीं गेंद पर आया. इस बातचीत में द्रविड़ ने कहा कि वह भी पूर्व कप्तान के बल्ले से बड़ी शतकीय पारी देखने के लिए बेताब थे और आखिर में यह सार्थक रहा क्योंकि कोहली ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर देखा है. मैंने टेलीविजन पर उनकी कई शतकीय पारियों को देखने के साथ कोचिंग का जिम्मा मिलने पर पिछले 15-16 महीने में उनके बल्ले से शतकीय पारियों (टी20 अंतरराष्ट्रीय और वनडे) का लुत्फ उठाया है. मैं भी ड्रेसिंग रूम से उनकी टेस्ट में शतकीय पारी का लुत्फ उठाने के लिए बेताब था.'


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