नई दिल्ली: टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े खुलासे किए हैं. वनडे की कप्तानी से हटाए जाने के बाद विराट कोहली पहली बार मीडिया के सामने आए. विराट कोहली ने इस दौरान रोहित शर्मा के साथ चल रही अनबन की खबरों पर भी बड़ा बयान दिया है. विराट कोहली ने साफ किया है कि मेरे और रोहित शर्मा के बीच कोई समस्या नहीं है. मैं पिछले दो साल से स्पष्टीकरण दे रहा हूं और थक गया हूं. मेरा कोई भी काम या फैसला टीम को नीचा दिखाने के लिए नहीं होगा.


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रोहित के साथ विवाद पर कोहली का बयान


टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने आगे कहा, 'रोहित शर्मा बहुत अच्छे कप्तान हैं. रोहित शर्मा की रणनीति काफी बेहतरीन होती हैं और हमने IPL में और भारत के लिए ऐसा देखा है. रोहित शर्मा चोटिल होने के कारण साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं खेल पाएंगे. इस पर टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने कहा, 'साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान रोहित शर्मा की कमी खलेगी. हम उनको काफी मिस करेंगे.' 


लंबे वक्त से चल रही हैं अनबन की खबरें 


बता दें कि इससे पहले रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच कलह की खबरों के बीच BCCI के अधिकारियों के कई बयान आए. इन बयानों के चलते विराट कोहली के वनडे सीरीज में खेलने को लेकर कन्फ्यूजन पैदा हुआ था, लेकिन अब सब कुछ साफ हो चुका है. बता दें कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच अनबन की खबरें अभी से नहीं बल्कि लंबे वक्त से चल रही हैं. साल 2019 के बाद से ही ड्रेसिंग रुम से अलग-अलग तरह की बातें सामने आ रही थीं. इसके बाद अभी हाल ही में जिस तरह से अचानक विराट कोहली को कप्तानी से हटा दिया गया और रोहित को कमान दी गई, उसने इन खबरों को और भी तूल दे दिया.


वनडे कप्तानी से हटाए जाने पर क्या बोले कोहली? 


कप्तानी से हटाए जाने के बाद मेरी बल्लेबाजी पर बहुत ज्यादा असर नहीं देखने को मिलेगा. जब भी मैं इंडिया के लिए खेलता हूं तो मैं अपना सबकुछ देता हूं. जिस तरह से मैं भारत के लिए वनडे में अपना योगदान देता था, उसी तरह से देता रहूंगा. मैं वनडे सीरीज के लिए उपलब्ध हूं और पहले भी उपलब्ध था. मैं वनडे के लिए भी उपलब्ध हूं और हमेशा ही खेलना चाहता हूं. मैंने बोर्ड से कभी भी ब्रेक की बात नहीं कही.



टी20 की कप्तानी के सवाल पर ये बोले कोहली


मैंने BCCI को बताया कि मैं टी-20 की कप्तानी छोड़ना चाहता हूं, जब मैंने ऐसा किया तो बोर्ड ने मेरी इस बात को बहुत अच्छे ढंग से स्वीकार किया. उनके भीतर कोई झिझक नहीं थी. बोर्ड ने मुझसे बोला कि यह एक अच्छा कदम है. मैंने बोर्ड से उसी वक्त कहा था कि मैं वनडे और टेस्ट में टीम का नेतृत्व करना चाहता हूं. मेरी तरफ से यह संदेश स्पष्ट था, लेकिन मैंने अधिकारियों से यह भी कह दिया था कि अगर उन्हें ऐसा नहीं लगता है तो भी कोई परेशानी नहीं.